'युद्ध हुआ तो तैयार रहें...', भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गृह मंत्रालय का बड़ा आदेश; IIT नगरोटा में मॉक ड्रिल
जम्मू-कश्मीर में युद्ध की आशंकाओं के बीच युवाओं को जीवन रक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार आईआईटी नगरोटा में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी जिसमें छात्रों और स्टाफ को हवाई हमलों से बचाव के तरीके सिखाए जाएंगे। अन्य संस्थानों में भी ऐसी ड्रिल होंगी ताकि युवा युद्ध की चुनौतियों के लिए तैयार रहें और आपातकालीन स्थितियों का सामना कर सकें।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सीमा पर उपजे तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के युवाओं को युद्ध की चुनौतियों के बीच जीवन रक्षा के बारे में सिखाया जाएगा। आतंकवाद को शह दे रहा पाकिस्तान कभी भी हमला कर सकता है। ऐसे में भावी चुनौतियों का सामना करने की तैयारी हो रही है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय के इस दिशा में निर्देशों के चलते सात मई को नगरोटा के आईआईटी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान विद्यार्थियों व स्टाफ को सिखाया जाएगा कि युद्ध के दौरान हवाई हमलों में अपनी जान को कैसे बचाना है। इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस के साथ नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स व स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीमें भी हिस्सा लेंगी।
'युद्ध के दौरान कैसे बचना है'
आईआईटी के साथ आने वाले दिनों में प्रदेश के अन्य कई शिक्षण संस्थानों में भी ऐसी मॉक ड्रिल आयोजित कर हवाई हमलों के सायरन बजने पर की जाने वाली कार्रवाई, बिजली के ब्लैक आउट के महत्व, फस्ट एड, अपने साथ अन्य लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने, युद्ध के दौरान जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इसके साथ उन्हें यह भी बताया जाएगा कि हमले हमले के दौरान बचने के लिए कौन से जगह सुरक्षित व कौन से जगह असुरक्षित होगी। सिविल डिफेंस पूरे प्रयास करेगी कि युवा समाज में यह संदेश फैलाएं कि युद्ध के दौरान कैसे बचना है।
'पाकिस्तान से अंतिम युद्ध 50 साल से पहले लड़ा गया था'
जम्मू कश्मीर सिविल डिफेंस के एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश मिलने के बाद हमारी गतिविधियां तेज हो गई है। हम मिलकर रणनीति बना रहे हैं कि किस तरह से अधिक से अधिक लोगों को सिखाया जाए कि युद्ध के हालात कैसे होते हैं, कौन से चीजे घर में होना जरूरी है व अपनी व साथ वालों की जान को किस तरह से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हमने 1400 से अधिक बच्चों को मॉक ड्रिल के माध्यम से चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से अंतिम युद्ध पचास साल से अधिक समय पहले लड़ा गया था। ऐसे में समय के साथ युद्ध की चुनौतियों में भी बदलाव आया है।
अधिकतर लोगों को अंदाजा नही है कि युद्ध के दौरान क्या करना होता है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को आपातकाल हालात का सामना करने के बाद में सिखाया जाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।