'हम PoK वापस चाहते हैं...', युद्ध के नायकों ने किया सीजफायर का विरोध, बोले- बदला लेने का यही था सही समय
जम्मू-कश्मीर में पाक सेना की नापाक हरकतों पर युद्ध के नायकों का मानना है कि संघर्ष विराम के बावजूद हमले जारी हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान से सीजफायर नहीं बल्कि गुलाम जम्मू-कश्मीर (PoK) को वापस लेना चाहिए। उनका कहना है कि पाकिस्तान की सेना हालात बिगाड़ने से बाज नहीं आएगी। पहले भी संघर्ष विराम के कारण PoK उसके कब्जे में है और अब बदला लेने का सही समय है।
विवेक सिंह, जम्मू। पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर में ड्रोन हमले, सीमा पर गोलाबारी जारी रखकर अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए हैं।
युद्धों के नायकों का मानना है कि संघर्ष विराम के बाद भी जम्मू में हमले जारी रखना इसका सुबूत है कि पाकिस्तान में कुछ सही नहीं चल रहा है। सरकार और सेना में आपस में तालमेल नहीं है।
'पीओके चाहते हैं वापस'
पाकिस्तान से लड़े गए युद्धों के नायक, सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान से संघर्ष विराम नहीं अपितु गुलाम जम्मू-कश्मीर (PoK) को वापस चाहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान की सेना हालात खराब करने से कभी पीछे नहीं हटेगी। समय से पहले संघर्ष विराम के कारण आज गुलाम जम्मू-कश्मीर (PoK) उसके कब्जे में है।
संघर्ष विराम के बाद भी प्रदेश के कई हिस्सों में पाकिस्तान की सेना द्वारा भेजे ड्रोन अच्छा संकेत नहीं है। सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा का कहना है कि वर्ष 1947 से जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा करते आ रहे पाकिस्तान से बदला लेने का यह सही वक्त था। पाकिस्तान में सेना के बगावत करने का इतिहास है।
'पाकिस्तान ने कई बार दिया धोखा'
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की सेना व आईएसआई हालात खराब कर रही है। पाकिस्तान एक धूर्त देश है जिससे एक नहीं कई बार धोखा दिया है। वीर चक्र विजेता सेवानिवृत्त कर्नल वीरेंद्र साही का कहना है कि हमने पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला करने के लिए पाकिस्तान को अच्छी सजा तो दी है लेकिन हमारा बड़ा लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।
वर्ष 1947 के युद्ध के दौरान भी हमने समय से पहले संघर्ष विराम कर लिया था । इसके कारण ही आज गुलाम कश्मीर पर उसका कब्जा है। अभी अगर हम संघर्ष विराम ना करके बड़ा लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करते तो हम गुलाम कश्मीर को वापस ले सकते थे।
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