Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Amarnath Yatra में मुसलमान भाइयों की मेहमाननवाजी है बेमिसाल, जानें कैसे दे रहे योगदान

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 06:41 PM (IST)

    अमरनाथ यात्रा में स्थानीय मुसलमानों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वे यात्रियों को पालकी टट्टू और अन्य सुविधाएँ प्रदान करते हैं जिससे यात्रा सुगम होती है। बालटाल बेस कैंप में उत्सव का माहौल है जहाँ श्रद्धालु उत्साह और उमंग से भरे हुए हैं। सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों से यात्री संतुष्ट हैं। स्थानीय मुसलमानों के योगदान से भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत होता है।

    Hero Image
    अमरनाथ की पवित्र गुफा में विराजमान भोले के दर्शनों को जाते श्रद्धालु। फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा में स्थानीय मुसलमान यात्रियों की सेवा और मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। वे यात्रियों को पालकी, टट्टू, और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करते हैं, जिससे यात्रा आसान हो जाती है। यह भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव का एक बेहतर उदाहरण है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें कोई दोराय नहीं कि स्थानीय मुसलमानों के सहयोग के बिना यह यात्रा आज भी संभव नहीं है। ये मुसलमान ही देश के कोने-कोने से बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टेंट, घोड़े, पालकी की व्यवस्था से लेकर हर आवश्यक सुविधा में सहयोग देते हैं। गांदरबल जिले के बालटाल बेस कैंप में इन दिनों उत्सव का माहौल है।

    आधी रात के करीब सिंधु नाले के किनारे स्थित विशाल बालटाल बेस कैंप में रोशनी और सजावट वाले लंगरों में भजनों की धुनें बज रही हैं ।इस पवित्र यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान दिखाई देती है, जो उनके मन की गहराई से निकलती है।

    वे इतने उत्साहित हैं कि उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने में कोई भय और संशय नहीं है। आस्था की डोर थामे, मन में उमंग लिए, ये भक्त अपने आराध्य की भक्ति में डूबे हुए हैं। यात्री बेस कैंप में आराम से घूमते और तस्वीरें खींचने में व्यस्त नजर आए।

    कई यात्रियों ने कहा कि वे यात्रा को लेकर उत्साहित हैं। हमारे मन में कोई डर नहीं है। यहां सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम संतोषजनक हैं। पंजाब से आए एक यात्री राकेश ने कहा, स्थानीय लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। हम यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।

    मैं दूसरी बार आ रहा हूं, लेकिन मंदिर की हर यात्रा मुझे और अधिक उत्साहित करती है, पंजाब के ही गुरदासपुर से आए एक तीर्थयात्री सुरेश सिंह ने कहा। हर गुजरते साल के साथ, यात्रा के लिए सुविधाओं और व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है।

    श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने यात्रा को और अधिक आरामदायक और सुचारू बना दिया है, यात्रियों के एक समूह ने कहा। बालटाल में आम दृश्य स्थानीय लोगों का है जो वार्षिक यात्रा के दौरान अमरनाथ यात्रियों के लिए प्रमुख सेवा प्रदाता हैं। स्थानीय सेवा प्रदाताओं ने यात्रियों के लिए अस्थाई दुकानें और टेंट लगाए हैं और उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

    हालांकि यह मार्ग खड़ी चढ़ाई वाला और चढ़ाई करने में कठिन है।। बालटाल से यात्रा गुफ़ा मंदिर तक पहुँचने के लिए दुमेल, बरारी और संगम से गुज़रती है।मार्ग में, स्थानीय लोग यात्रियों को या तो टट्टुओं पर या अपने कंधों पर ले जाते हुए देखे जाते हैं।

    गुफा के लिए खतरनाक मार्ग 'जय बोले' के नारे लगाने वाले यात्रियों से गुलजार है।स्थानीय लोग पैदल चलने वालों को पहाड़ी के छोर पर ही रहने और घाटी के छोर पर न जाने की सलाह देते हुए देखे जाते हैं, कहीं ऐसा न हो कि वे गिर जाएँ।गुफा के रास्ते में शिवलिंग की तस्वीरों वाली कई चाय की दुकानें दिखाई देती हैं। 

    comedy show banner
    comedy show banner