Srinagar: पाक में मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों के खेल में हुर्रियत नेता गिरफ्तार, ED ने 13 फरवरी तक रिमांड पर लिया
JK Terror Funding Case हुर्रियत नेता अब्दुल्ला शाह को ईडी (ED) ने गिरफ्तार किया है। इनपर आरोप हैं कि पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की आड़ में ये कश्मीर में आतंकी फंडिंग को ला रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साल 2021 में पाक के मेडिकल इंजीनियरिंग व अन्य कालेजों में हुए दाखिले को देखते हुए मामला दर्ज किया है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पाक के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की आड़ में कश्मीर में आतंकी फंडिंग के खेल में लिप्त एक हुर्रियत नेता अब्दुल्ला शाह को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी उससे पूछताछ में जुट गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2021 में पाक के मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य कालेजों में प्रदेश के छात्रों के दाखिले की आड़ में होने वाली आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज किया था।
पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति की अटैच
बीते माह ईडी ने दक्षिण कश्मीर के मीरवाइज काजी यासिर समेत विभिन्न आरोपितों की पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति को अटैच किया था। कुपवाड़ा का अब्दुल्ला शाह हुर्रियत कान्फ्रेंस की दूसरी पंक्ति के नेताओं में गिना जाता रहा है।
जांच में पता चला कि वह पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना मंजूर अहमद शाह के सीधे संपर्क में रहता था। उसके जरिये एमबीबीएस व अन्य पाठ्यक्रमों में कश्मीरी छात्रों के दाखिले के एवज में मोटी रकम जमा करता था। अब्दुल्ला को ईडी ने श्रीनगर के सीबीआई विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 13 फरवरी तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है।
कई हुर्रियत नेता व उनके करीबी पकड़े जा चुके
ईडी के अनुसार, पाकिस्तान सरकार अपने देश में कश्मीरी आतंकियों और अलगाववादियों के बच्चों को एमबीबीएस और इंजीनिय¨रग की पढ़ाई के लिए आरक्षण प्रदान करती है। इन सीटों पर कश्मीर से कई लोगों को अलगाववादी दाखिला दिलाते रहे हैं। इसकी आड़ में वह पैसा जुटाकर उसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में करते रहे हैं।
हुर्रियत नेता व उनके करीबियों को गिरफ्तार किया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2021 में इस मामले की जांच शुरू की थी। अब तक एक दर्जन हुर्रियत नेता व उनके करीबियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अदालत में जो आरोपपत्र दायर किया है, उसके आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने आरोपपत्र में मोहम्मद अकबर भट, फातिमा शाह, अल्ताफ अहमद भट, काजी यासिर सैयद खालिद गिलानी उर्फ खालिद अंद्राबी और अन्य को आरोपित बनाते हुए दावा किया कि ये लोग पाक में बैठे हैंडलरों की मदद से जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए पाकिस्तान के कॉलेजों में एमबीबीएस व अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला सुनिश्चित बनाते थे। प्रत्येक छात्र से 10-15 लाख की मोटी रकम लेते थे।
आरोपितों के व्यक्तिगत खातों में जमा होता पैसा
ईडी ने जांच में पता लगाया कि यह पैसा आरोपितों ने अपने व्यक्तिगत खातों और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए स्थापित अल-जबार ट्रस्ट के बैंक खातों में प्राप्त किया। खातों का उपयोग छात्रों से धन प्राप्त करने के उद्देश्य से किया था। इसके बाद पाक में बैठे हैंडलरों मंजूर अहमद शाह और अल्ताफ अहमद बट के निर्देशानुसार इस पैसे का प्रयोग देश में आतंकी गतिविधियों में किया था। इस पैसे से पत्थरबाजों को, जम्मू-कश्मीर में स्थित व्यक्तियों/आतंकवादियों की मदद की गई।
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