Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Pahalgam Attack: बैसरन कैसे पहुंचे थे चारों दहशतगर्द? आतंकी साजिश का पर्दाफाश; इन खतरनाक हथियारों से मचाया था आतंक

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 12:06 AM (IST)

    पहलगाम में हुए नरसंहार में तीन विदेशी और एक स्थानीय आतंकी शामिल थे। ये हमलावर कोकरनाग के जंगलों से बैसरन तक 20-22 घंटे पैदल चलकर पहुंचे थे। उन्होंने हमले के दौरान स्थानीय व्यक्ति और पर्यटक के मोबाइल फोन भी छीने। जांच में पता चला है कि हमलावरों में एक स्थानीय आतंकी आदिल भी था जिसने लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ली थी।

    Hero Image
    20 से 22 किलोमीटर पैदल कठिन चढ़ाई चढ़ बैसरन पहुंचे थे चारों आतंकी।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम में कुछ दिन पहले हुए नरसंहार में अभी कई तथ्य सामने आ रहे हैं। यह पता चला है कि इस हमले को अंजाम देने वालों में तीन विदेशी और एक स्थानीय आतंकी था और यह सभी कोकरनाग के जंगलों से लेकर बैसरन तक पहुंचने के लिए बीस से 22 घंटे तक पैदल कठिन चढ़ाई चढ़ कर आए थे। हमले के दौरान वे एक स्थानीय व्यक्ति और एक पर्यटक का मोबाइल फोन भी छीन कर ले गए थे। यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों का कहना है कि नरसंहार करने वालों में तीन पाकिस्तानी आतंकी थे, जबकि एक स्थानीय आतंकी आदिल था। आदिल वर्ष 2018 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। वह वकायदा तौर पर कानूनी दस्तावेज बनाकर पूरी प्रक्रिया के साथ पाकिस्तान गया था। वर्ष 2024 में कश्मीर घाटी में लौटने से पहले उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ ट्रेनिंग ली थी।

    मार्गदर्शक का काम करता था स्थानीय आतंकी 

    कहा जाता है कि वापस लौटने के बाद आदिल ने कई बार पाकिस्तानी आतंकियों की हमले अंजाम देने से लेकर रसद तक उपलब्ध करवाने में सहायता की थी। वह उन इलाकों में मार्गदर्शक का काम करता था जो कि दुर्गम होते थे। फोरेंसिक विश्लेषण ने यह पुष्टि की है कि आतंकियों ने इस हमले के दौरान एके-47 और एम4 असाल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था। जो कारतूस बरामद हुए हैं, वे भी इन्हीं के है।

    दो आतंकियों ने की अंधाधुंध फायरिंग

    सूत्रों के अनुसार, दो आतंकी वहां दुकानों के पीछे से निकले और उन्होंने पर्यटकों को कलमा पढ़ने को कहा। इसके बाद उन्होंने चार लोगों को गोली मार दी। इससे बैसरन में दहशत फैल गई। वहां मौजूद पर्यटक अपनी जान बचाने के भागने लगे। अन्य दो आतंकियों ने क्षेत्र के पास से गोलीबारी शुरू कर दी।

    इसमें कइयों की जान गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में एक प्रमुख गवाह एक स्थानीय फोटोग्राफर भी सामने आया है। हमले के दौरान एक पेड़ पर बैठे हुए वह घटनाओं को कैद कर रहा था। उसकी बनाई हुई वीडियो को अब जांचकर्ता हमले की पूरी टाइमलाइन को एक साथ जोड़ने के लिए सुराग के रूप में काम कर रहे हैं।