जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से तबाही, उफार पर नदियां; CM उमर ने सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के दिए निर्देश
जम्मू-कश्मीर में भारी वर्षा के कारण मुख्यमंत्री ने हाई अलर्ट जारी किया है। कई रिहायशी इलाकों में जलभराव हो गया है और नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। कुपवाड़ा में मकान की छत गिरने से एक महिला की मृत्यु हो गई और 29 घायल हो गईं। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कश्मीर फ्लड वाच एप विकसित किया है जो जल स्तर की जानकारी देगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में भारी वर्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। भारी बारिश से कई रिहायशी इलाकों में जलभराव हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में मुख्य नदियों के पानी के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें सांबा में बसंतर, कठुआ में उज्ज, रावी डोडा में चिनाब, किश्तवाड़, रामबन और ऊधमपुर तथा जम्मू में तवी शामिल हैं, जिससे प्रशासन ने आपदा प्रतिक्रिया टीमों और स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने विभागों के बीच समन्वय बनाने पर जोर दिया है और यह सुनिश्चित किया है कि नियंत्रण कक्ष पूरी तरह से सक्रिय रहें। मुख्यमंत्री कार्यालय स्थिति पर नजर रखने के लिए विभागों के साथ संपर्क में है। जलभराव वाले इलाकों को जल्द साफ कों। वहीं कश्मीर में भी भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित रहा और मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।
कुपवाड़ा जिले में भारी वर्षा के कारण एक मकान की छत गिर गई, जिसकी चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई जबकि 29 महिलाएं घायल हो गईं। हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे लोगों ने सभी घायल महिलाओं को तुरंत हंदवाड़ा सरकारी मेडकिल कालेज अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका उपचार चल रहा है। सरकारी मेडिल कालेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अयाज अहमद ने बताया कि सभी महिलाएं की हालत स्थिर है।
बताया जा रहा है कि सभी महिलाएं पोहरुपेठ गांव में एक घर में धार्मिक कार्यक्रम के लिए एकत्र हुई थी। स्थानीय लोगों व अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दिन में करीब 2:30 बजे हुई। जब घटना हुई तो सभी महिलाएं धार्मिक चर्चा में लीन थी, उन्हें अहसास भी नहीं हुआ और मकान की छत गिर गई।
वहीं गुरेज-बांडीपोरा सड़क पर शनिवार देर शाम बादल फटने के साथ कई स्थानों पर भूस्खलन होने से मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन ने सड़क से मलबा हटा कर अगले दिन रविवार सुबह यातायात बहाल कर दिया गया है।
कश्मीर फ्लड वाच एप से मिलेगी मदद
कश्मीर में बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बाढ़ से संबंधित आपात स्थितियों का सामना करने के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। बाढ़ से बचाव और संचार को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभाग ने सूचना एवं पूर्वानुमान प्रकोष्ठ (आइएफसी) के सहयोग से कश्मीर फ्लड वाच एप विकसित किया है।
यह मोबाइल एप्लिकेशन झेलम और उसकी प्रमुख सहायक नदियों में जल स्तर की वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करता है। यह एप आपात स्थितियों के दौरान पूर्व चेतावनी जारी करने और त्वरित निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होगा।
जलशक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने रविवार को भारी वर्षा के बाद संबंधित विभागों के मुख्य अभियंताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की बाढ़ संबंधी तैयारियों की समीक्षा की गई। मंत्री ने आपातकालीन स्थितियों, विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक तैयारियों और बुनियादी ढांचे की स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने सभी प्रमुख नदी प्रणालियों, जैसे झेलम, रावी और तवी, के जल स्तर की चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। राणा ने श्रीनगर के राम मुंशी बाग में बाढ़ नियंत्रण एवं प्रबंधन कक्ष का दौरा भी किया।
उन्होंने सभी संबंधित विभागों, एजेंसियों और हितधारकों को पूर्व चेतावनी संकेतों की वास्तविक समय में जानकारी देने का निर्देश दिया, ताकि त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आधुनिक तकनीक से नदियों के जलस्टर की सटीक जानकारी मिलने से हादसों को रोका जा सकेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि एक संगठित और प्रभावी बाढ़ प्रतिक्रिया के लिए एक व्यापक संस्थागत ढांचा स्थापित किया गया है।
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