सरकारी अधिकारियों को तंग करें, लेकिन मेरी अनुमति से... नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं को ये कैसा आदेश?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं द्वारा सरकारी अधिकारियों को तंग करने के लिए आदेश लेने का मामला सामने आया है। किश्तवाड़ इकाई के अध्यक्ष तनवीर किचलू के एक वायरल आदेश के बाद विवाद शुरू हो गया जिसमें कार्यकर्ताओं को बिना अनुमति के अधिकारियों को तंग करने से मना किया गया था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस पर मजाकिया टिप्पणी की।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जब कोई राजनीतिक दल किसी प्रदेश में सत्तारूढ़ हो तो उसके कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को प्रताड़ित करने व उनके कामकाज में बाधा डालने की खबरें आती हैं।
इससे संबधित दलों के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है और बयान आता है कि उक्त कार्यकर्ता का हमारे साथ कोई सरोकार नहीं है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कार्यकर्ताओं द्वारा सरकारी अधिकारियों को प्रताड़ित किए जाने को अधिकारिक बना दिया है।
बशर्ते, उनके पास पार्टी के जिला प्रभारी की अनुमति हो। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी पार्टी में हुए इस प्रकरण का मजा ले रहे हैं और स्वयं इसे इंटरनेट मीडिया पर भी साझा कर रहे हैं। सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस की जिला इकाई किश्तवाड़ के अध्यक्ष तनवीर किचलू द्वारा जारी एक आदेश इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है।
इसमें उन्होंने हिदायत दी है कि जिला किश्तवाड़ में नेशनल कॉन्फ्रेंस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता बिना जिला प्रमुख की अनुमति के बिना के किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मी को तंग करने के प्राधिकृत नहीं है। तनवीर किचलू का यह निर्देश पार्टी के अधिकृत लैटर हैड पर है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नजर में भी यह आदेश आया और उन्होंने भी इसका मजा लेते हुए इसे अपने अधिकारिक एक्स हैंडल पर साझा करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा कि कौन कहता है कि हमारा संगठन अनुशासनहीन है? हम इस बात को सुनिश्चित बनाते हैं कि हमारे सभी नेता-कार्यकर्ता बिना वरिष्ठ पदाधिकारियों की अनुमति के बिना किसी भी सरकारी अधिकारी को तंग न करें।
किश्तवाड़ के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यहां सत्ताधारी दल के कुछ लोग अक्सर सरकारी कार्यालयों में पहुंचकर संबधित अधिकारियों पर दबाव बनाते हैं। हो सकता है तनवीर किचलू को यह बुरा लगा हो और उन्हें महसूस हुआ हो कि यह कार्यकर्ता उनके वर्चस्व को चुनौती दे रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह आदेश जारी किया हो।
अलबत्ता, तनवीर किचलू ने अपने इस आदेश से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मैंने ऐसा कोई आदेश या परिपत्र जारी नहीं किया है। यह किसी की शरारत है और यह एआई के माध्यम से तैयार किया गया है। यह मुझे बदनाम करने, हमारे पार्टी की छवि को बिगाड़ने का एक षड्यंत्र हैं। मेरा या हमारी पार्टी का इससे कोई सरोकार नहीं है।
हम किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मी के काम में व्यवधान डालने वालों में नहीं है। हमारा काम सिर्फ प्रशासन और जनता के बीच एक पुल की तरह काम करना है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय प्रधान एडवोकेट रत्न लाल गुप्ता ने कहा कि तनवीर किचलू ने अपनी सफाई दे दी है।
हमने भी पता किया है, यह किसी की शरारत है। नेशनल कॉन्फ्रेंस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता किसी भी सरकारी अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या किसी भी आम आदमी को तंग नहीं कर सकता।
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