Gulmarg Terror Attack: एम-4 कार्बाइन, स्टील बुलेट... अमेरिकी हथियारों से हुआ जवानों पर हमला; चार आतंकी थे शामिल
गुलमर्ग में सैन्य वाहन पर आतंकी हमले में 3 जवान बलिदान हुए जबकि 2 सैन्य कुली भी मारे गए हैं। गुलमर्ग में आतंकियों ने स्टील बुलेट और एम-4 कार्बाइन से हमला किया था। हमलावर आतंकियों की संख्या 4 बताई जा रही है। सेना ड्रो और खोजी श्वान के जरिए सर्च अभियान चला रही है। एलओसी के तरफ जाने वाले रास्ते सील कर दिए गए है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Gulmarg Terror Attack: गुलमर्ग में सैन्य वाहन पर हुए हमले में आतंकियों ने स्टील बुलेट और एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया है।
हमलावर आतंकियों की संख्या चार बताई जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर में हुए हमलों में सीमा पार से आने वाले आतंकी इन्हीं हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं।
शुक्रवार को वारदात स्थल का जायजा और हमले के बाद भाग निकले आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना ने बोटापथरी, गुलमर्ग, बाबा रेशी समेत साथ लगते क्षेत्रों में तलाशी अभियान जारी रखा।
अभियान में ड्रोन और खोजी श्वान की भी मदद ली जा रही है। एलओसी के तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है।
बोटापथरी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है और गुलमर्ग में गंडोला (केबल कार) भी एहतियात के तौर पर कुछ देर बंद रखा गया। इस बीच, अस्पताल में उपचाराधीन एक घायल सैनिक ने शुक्रवार को वीरगति पाई।
इससे हमले में बलिदानी जवानों की संख्या तीन व कुल पांच हो गई है। बता दें कि गुरुवार की शाम हुए हमले में दो सैनिक बलिदान व दो सैन्य कुलियों की मौत हो गई थी।
बलिदानियों में ये जवान शामिल
बलिदानियों में राइफलमैन जीवन सिंहह सिरसा (हरियाणा) और राइफलमैन कैसर अहमद शाह शांगस (अनंतनाग) के रहने वाले थे। वहीं, सैन्य कुलियों की पहचान मुश्ताक अहमद चौधरी व जहूर अहमद मीर निवासी बारामुला के रूप में हुई है।
श्रीनगर के बादामी बाग स्थित चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित एक भावपूर्ण समारेाह में बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ स्वजन के पास भेज दिए गए।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। गुलमर्ग हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने ली है। पीएएफएफ ने इंटरनेट मीडिया पर कथित तौर पर गुलमर्ग हमले से संबंधित एक फोटो भी प्रसारित किया है।
वहीं, स्टील बुलेट और एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल ज्यादातर जैश व पीएएफएफ के आतंकी ही करते आए हैं। स्टील बुलेट, बुलेट प्रूफ वाहन को भी भेद सकती है।
गाइडों और घोड़े वालों से पूछताछ कर जुटा रहे सुराग
शुक्रवार को वरिष्ठ सैन्याधिकारियों ने मौके पर पहुंच हालात का जायजा लिया। हमलावर आतंकियों की संख्या चार तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
वारदात स्थल से स्टील बुलेट के इस्तेमाल के सुराग भी मिले हैं। उन्होंने आतंकियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे तलाशी अभियान की रणनीति भी तय की।
उन्होंने बताया कि गुलमर्ग से बोटापथरी की तरफ पिछले दो-तीन दिनों के दौरान आने-जाने वाले सभी लोगों विशेषकर चरवाहों, टूरिस्ट गाइडों और घोड़े वालों से भी पूछताछ कर सुराग जुटाए जा रहे हैं।
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