Gulmarg में ग्लास इग्लू बने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र, जानें क्या है खास
बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए हजारों पर्यटक गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट में आते हैं लेकिन इस सर्दी में उनके लिए एक आश्चर्य उनका इंतजार कर रहा है और वह है ग्लास इग्लू। इन इग्लू में भोजन करते हुए आप हर मौसम का आंनद उठा सकते हैं। (फाइल फोटो)

गुलमर्ग, एजेंसी (पीटीआई)। बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए हजारों पर्यटक गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट में आते हैं, लेकिन इस सर्दी में उनके लिए एक आश्चर्य उनका इंतजार कर रहा है और वह है ग्लास इग्लू। दिल्ली के एक पर्यटक कबीर ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, और एक इग्लू के अंदर बैठकर भोजन करना वास्तव में एक शानदार अनुभव है।
कबीर ने होटल कर्मचारियों और ग्लास इग्लू का आईडिया देने वाले की प्रशंसा की क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उन्हें प्रकृति के और करीब ले आता है।उन्होंने यह भी कहा कि यहां का माहौल अच्छा है और हर व्यंजन उपलब्ध है, चाहे वह भारतीय, चीनी या महाद्वीपीय हो।
कल्पना को सच कर रहे ये इग्लू
दिल्ली की एक अन्य पर्यटक नेहा कोहली के लिए यह एक सपने जैसा अनुभव था क्योंकि उन्होंने ऐसी चीजें केवल किताबों और फिल्मों में देखी हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमने किताबों में जो कुछ भी देखा है, हम वास्तव में भी वह अनुभव कर पाएंगें और एक इग्लू के अंदर बैठकर खाना खाएंगे। हालांकि, सैयद वसीम को इस अवधारणा को वास्तविक बनाने में तीन साल का समय लगा।
इसके पीछे उनका इरादा था कि गुलमर्ग आने वाले पर्यटक भी इसको अनुभव कर पाएं। उन्होंने आगे बताया कि मैं बहुत यात्रा करता हूं। फिनलैंड की ऐसी ही एक यात्रा के दौरान मैंने ऐसे लोगों को देखा जो नॉर्दर्न लाइट्स देखने आते हैं और इन ग्लास इग्लू में रहते हैं। मैं इस अवधारणा को कश्मीर में लाने के विचार से रोमांचित था।
ऑस्ट्रिया में निर्मित होते हैं यह इग्लू
वसीम पेशे से एक होटल व्यवसायी हैं। उन्होंने कहा कि ग्लास इग्लू के बारे में पूछताछ उन्हें ऑस्ट्रिया ले गई, जहां ये निर्मित होते हैं। ऑस्ट्रिया में इन इग्लू बनाने वाली कंपनी की एक टीम ने गुलमर्ग में मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए पिछले साल कश्मीर का दौरा किया था।
ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उत्पाद ज्याद समय तक चल सके। उन्होंने कहा, इग्लू बनाने वाले उत्पादकों को तापमान, हवा की गति और धूप की तीव्रता जैसे डेटा की जरूरत थी। यह सब हासिल करने के बाद, उन्होंने इस जगह के लिए एक आदर्श संरचना तैयार की।
बिना बर्फबारी गुलमर्ग भी बना आकर्षण का केंद्र
वसीम ने कहा कि पिछले दो सालों से उन्होंने गुलमर्ग में अपने होटल के बाहर स्नो इग्लू का निर्माण किया था, जिसने पर्यटक आकर्षित होते थे, लेकिन इस सर्दी में अपर्याप्त बर्फबारी के कारण प्राकृतिक इग्लू नहीं बनाया जा सका। उन्होंने कहा, "अगर आप चाहते हैं कि पर्यटक बार-बार यहां आएं, तो आपको उनके लिए नए आकर्षण जोड़ने होंगे। इन इग्लू ने हमारे लिए वह काम किया है। नहीं तो हिमाचल और उत्तराखंड में भी बर्फबारी होती है इसलिए पर्यटक वहां जाना ज्यादा पसंद करते हैं।
छह ग्लास इग्लू की कीमत करीब 50 लाख रुपये
वसीम ने कहा कि वह छह ग्लास इग्लू लाए, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये है। हालांकि, वह इस निवेश से खुश हैं। उन्होंने तीन इग्लू को गुलमर्ग में अपने होटल के लॉन में और अन्य तीन को अपने रेस्तरां के परिसर में रखा है, जिसे वह कोंगडोरी में चलाते हैं। पर्यटकों की प्रतिक्रिया जबरदस्त है।
इस देखते हुए कुछ साथी होटल व्यवसायियों ने मुझसे पूछताछ की है। मुझे लगता है कि अब बड़े पैमाने पर गिलास इग्लू स्थापित होंगें। अभी तक, ग्लास इग्लू का उपयोग केवल रेस्तरां के रूप में किया जाता है, लेकिन वसीम को लगता है कि यह कश्मीर के पर्यटन परिदृश्य को बदल सकता है।
ग्लास इग्लू में लें हर मौसम का मजा
वसीम ने आगे कहा कि कश्मीर में कई पर्यटन स्थल हैं जहां नाजुक पारिस्थितिकी के कारण पारंपरिक निर्माण संभव नहीं है। अगर सरकार लीज पर जमीन उपलब्ध कराकर मदद का हाथ बढ़ाती है, तो इन इग्लू का इस्तेमाल ऐसी जगहों पर रात में ठहरने के लिए किया जा सकता है।
एक ट्रैवल एजेंट शोएब अहमद ने कहा कि कश्मीर में वर्ष के अधिकांश समय इग्लू का व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा सकता है क्योंकि मौसम बहुत जल्दी बदल सकता है। कश्मीर में शायद ही कोई एक मौसम टिकता हो। एक पल धूप हो सकती है और दूसरे ही पल बारिश हो सकती है। पर पर्यटको को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वे धूप का आनंद ले सकते हैं या बिना गीले हुए इग्लू के अंदर बारिश के मजे ले सकते हैं.
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