Srinagar News: गंगबल यात्रा का शुभारंभ, पवित्र छड़ी के साथ रवाना हुए श्रद्धालु
गांदरबल जिले में हरमुख पर्वत पर स्थित गंगबल झील की वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू हो गई है। कंगन के नारानाग शिवमंदिर से पवित्र छड़ी मुबारक के साथ श्रद्धालुओं का एक दल रवाना हुआ। हरमुख पर्वत कश्मीरी हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान है और इसे कश्मीर का कैलाश माना जाता है। यहां गंगबल झील में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करते हैं।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। गांदरबल जिले में समुद्रतल से 14500 फीट की ऊंचाई पर हरमुख पर्वत है। इस पर्वत पर स्थित गंगबल झील को कश्मीरी हिंदू उत्तरगंगा, हरमुक्ता भी कहते हैं। शनिवार को गंगबल झील की वार्षिक तीर्थयात्रा आरंभ हो गई।
कंगन में स्थित नारानाग शिवमंदिर से मंडलायुक्त कश्मीर अंशुल गर्ग ने पवित्र छड़ी मुबारक के साथ श्रद्धालुओं के एक दल को कड़ी सुरक्षा के बीच गंगबल के लिए रवाना किया। हरमुख पर्वत कश्मीरी हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। इसे कश्मीर का कैलाश कहा जाता है और कश्मीरी हिंदुओं की मान्यता है कि यहां भगवान शिव का निवास है।
हरमुख में स्थित गंगबल झील, जिसे शिव के चरणों के आकार का माना जाता है, में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करने के साथ श्राद्ध तर्पण करते हैं। हर वर्ष अगस्त में कश्मीरी हिंदू गंगबल की यात्रा पर जाते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में बिगड़ते हालात के कारण यह यात्रा बंद हो गई थी।
ऑल पार्टी माइग्रेंट कोआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन विनोद पंडित ने 17 वर्ष पहले इस यात्रा को पुनः आरंभ कराया। उन्होंने इस यात्रा के सफल संचालन और कश्मीरी हिंदुओं की युवा पीढ़ी को हरमुख गंगबल के धार्मिक और सामाजिक महत्व से अवगत कराने के लिए हरमुख गंगा गंगबल ट्रस्ट का गठन किया है, जो यात्रा का आयोजन भी करता है।
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