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    खुद को बताया PMO का अधिकारी, Z+ सिक्योरिटी के साथ लूटता रहा सरकारी सेवा का मजा; पढ़ें किरण पटेल की पूरी कहानी

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Sat, 18 Mar 2023 08:26 AM (IST)

    Kiran Patel प्रधानमंत्री कार्यालय का वरिष्ठ अधिकारी बताकर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जेड-प्लस सुरक्षा एक बुलेटप्रूफ महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी पांच सितारा होटल में आधिकारिक प्रवास की सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था का खुले तौर पर मजाक उड़ाने वाले ठग किरण भाई पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया।

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    जेड प्लस सुरक्षा में किरण लूटता रहा सरकारी सेवा का मजा

    श्रीनगर, जागरण संवाददाता। श्रीनगर में पकड़ा गया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का फर्जी अधिकारी किरण पटेल पहली बार कश्मीर दौरे पर नहीं आया था। वह लगभग छह माह के दौरान कश्मीर के चार से पांच दौरे कर चुका था। हर बार न केवल पांच सितारा होटल में सरकारी मेहमान बनकर रहा बल्कि जेड प्लस सुरक्षा में संवेदनशील क्षेत्रों में भी घूमता रहा और सरकारी सेवा का आनंद उठाता रहा।

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    चेहरे पर काला चश्मा और सूट-बूट में किरण का टशन ही ऐसा था कि सरकारी अधिकारी प्रोटोकाल भूलकर उसकी जी हुजूरी में जुट जाते थे। बड़े नेताओं के संग अपनी तस्वीर दिखाकर भी अफसरों को शीशे में उतार लेता।

     जेड-प्लस सिक्योरिटी की थी सुरक्षा

    एक बार वह परिवार के साथ भी आया और कई दिन कश्मीर में रहा। वह जनवरी में रूस का भी दौरा कर चुका है। प्रशासनिक अधिकारी भले ही इस प्रकरण पर कुछ बोलने को तैयार न हों, लेकिन एक बात साफ है कि इस प्रकरण में प्रशासिनक व पुलिस अफसरों ने एक बार नहीं बल्कि कई बार निर्धारित प्रोटोकाल का खुला उल्लंघन किया। इसका फायदा जालसाज किरण पटेल उठाता रहा।

    पुलिस व प्रशासन के अलावा अर्धसैनिक बल और सेना के अफसरों को भी उसने अपनी बातों से झांसे में ले लिया। सूत्रों ने बताया कि एक बार वह उरी दौरे पर गया और कड़ी सुरक्षा के बीच भारत-पाक सीमा पर कमान अमन सेतु को देखने पहुंचा। उस दौरान उसके पास अर्धसैनिक बल की सुरक्षा थी।

    अक्टूबर 2022 में पहली बार आया कश्मीर

    एक अधिकारी ने बताया कि वह अक्टूबर 2022 में पहली बार कश्मीर आया था। संबंधित अधिकारियों ने उसे पीएमओ कार्यालय का उच्चाधिकारी मानकर उसे जेड प्लस सुरक्षा कवच दिया था। उसे घूमने के लिए स्कार्पियो व अन्य एसयूवी वाहन प्रदान किए। उसने कश्मीर में कई अधिकारियों के साथ बैठकें कीं, जिसमें कश्मीर में निवेश की इच्छुक कंपनियों के बारे में चर्चा की गई। वह गुलमर्ग, उरी के अलावा अहरबल (कुलगाम), पुलवाम, शोपियां, बड़गाम के दुधपथरी में घूमने भी गया।

    श्रीनगर में वह अक्सर बुल्वोर्ड रोड पर सैर करता था। कई अधिकारियों से मिलता था। यहां कुछ एनजीओ के साथ भी उसने कथित तौर पर संपर्क किया और कुछ समारोहों में भाग लिया। इसके अलावा किरण अग्रिम चौकियों के निरीक्षण के लिए भी पहुंचा।

    सोशल मीडिया पर है एक्टिव

    किरण इंटरनेट मीडिया पर खूब सक्रिय था और एक पोस्ट में उसने कश्मीर को अपनी कर्मभूमि बताया था। वह इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर स्वयं कश्मीर आने का ऐलान करता था और नए-नए क्षेत्रों में दौरा करता और अधिकारियों को शीशे में उतार लेता था।