'अशोक स्तंभ वाली पट्टिका नहीं लगाई होती तो ना होता बवाल', हजरतबल दरगाह विवाद पर फारूक अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर वक्फ बोर्ड ने पैगंबर मोहम्मद को समर्पित दरगाह पर अशोक चिह्न वाली पट्टिका नहीं लगाई होती तो हजरतबल दरगाह पर विवाद नहीं होता। उन्होंने कहा कि दरगाहों का निर्माण लोगों के योगदान से हुआ है। प्रतीक चिह्न के साथ तोड़फोड़ पर दर्ज की गई प्राथमिकी पर उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि उन्होंने गलत किया है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि अगर मौजूदा जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने पैगंबर मोहम्मद को समर्पित दरगाह पर अशोक चिह्न वाली पट्टिका नहीं लगाई होती, तो हजरतबल दरगाह पर हुए विवाद से बचा जा सकता था।
अब्दुल्ला ने अनंतनाग में एक शोक सभा में भाग लेने आए पत्रकारों से कहा कि पट्टिका लगाने की कोई ज़रूरत नहीं थी। उन्होंने इसे लगा दिया और लोगों को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने इस स्थापना को एक ऐसी गलती बताया जो नहीं होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि हजरतबल और अन्य दरगाहों का निर्माण लोगों के योगदान से हुआ है, किसी के अनुग्रह से नहीं। उन्होंने कहा जब शेर-ए-कश्मीर शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने निर्माण की देखरेख की थी तो उन्होंने दरगाह पर कोई बोर्ड नहीं लगाया क्योंकि यह अल्लाह और उनके पैगंबर को समर्पित थी।
प्रतीक चिह्न के तोड़फोड़ पर दर्ज की गई प्राथमिकी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें यह समझने की ज़रूरत है कि उन्होंने जो किया वह ग़लत था और लोग ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम एक शांतिप्रिय समुदाय हैं और उन्हें यह समझना चाहिए कि उन्होंने ग़लती की है।
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