दिल्ली विस्फोट पर बोले फारूक अब्दुल्ला- 'आतंकी नहीं करते कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व, निर्दोषों को न दें सजा '
नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लाल किले के पास हमले में शामिल आतंकी कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उन्होंने देश भर में रह रहे कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कुछ गुमराह तत्वों की हरकतों से पूरे कश्मीरी समुदाय के प्रति शक पैदा होता है, जो दुखद है।

फारूक अब्दुल्ला ने सरकार से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला ने गुरूवार को कहा कि लाल किले के पास आतंकी हमले में लिप्त आतंकी व उनके साथी कश्मीरियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
देश के दुश्मनों के साथ कश्मीरियों को नहीं खड़ा किया जा सकता और न उनके अपराधों की सजा निर्दाेष कश्मीरियों को दी जा सकती है। इसलिए देश भर में रहने वाले, पढ़ने वाले और रोजी रोटी कमाने वाले कश्मीरियों कोई तंग न करें, इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को सुनिश्चित बनाना चाहिए।
आज यहां एक संक्षिप्त बातचीत में डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह यह बहुत दुख की बात है जब कुछ गुमराह और आतंकी तत्वों हरकतों से पूरे कश्मीरी समुदाय के प्रति शक और दुश्मनी का माहौल बनता है। कश्मीरियों ने कभी भी आतंकी हिंसा और आतंकियों के एजेंडे को सही नहीं ठहराया है।
कश्मीरियों ने हमेशा भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में अच्छा योगदान दिया है। लाल किले केपास हमला करने वाला और उसके साथी कश्मीरियों के प्रतिनिधि नहीं हैं। उनके गुनाह के लिए आम कश्मीरियों को सजा नहीं मिलन चाहिए।
जम्मू कश्मीर के लोग, खासकर देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने और पढ़ने वाले हमारे युवा, सुरक्षित महसूस करें,इसलिए हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कश्मीरियों की सुरक्षा के संबधित सरकारों को ठोस उपाय करने चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से अपील करते हए कहाकि वे कानून लागू करने वाली एजेंसियों को किसी भी तरह के भेदभाव या टारगेटेड हैरेसमेंट के खिलाफ़ नज़र रखने के लिए साफ़ निर्देश जारी करें, ताकि यह पक्का हो सके कि बढ़े हुए तनाव के समय में बेगुनाह नागरिकों को शिकार न बनाया जाए। उन्होंने आगे कहा, “हमें एक देश के तौर पर एक साथ खड़ा होना चाहिए, न्याय और निष्पक्षता हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत बने रहने चाहिए।

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