'हमने हथियार नहीं उठाए ना ही पत्थर फेंके...', फारूक अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे की बहाली की फिर की मांग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग शांतिप्रिय हैं और अपने संवैधानिक अधिकारों के हकदार हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने पर सवाल उठाया और मीडिया की स्वतंत्रता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे अपना अधिकार मांगने आए हैं भीख मांगने नहीं।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांतिप्रिय हैं और अपने संवैधानिक अधिकारों के हकदार हैं। आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की बहाली का समर्थन करते हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं जिन्होंने हथियार उठाए या पत्थर फेंके।
जब उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाया, तो उन्होंने क्या कारण बताया? उन्होंने कहा कि कश्मीर प्रगति नहीं कर रहा है, वहां आतंकवाद है। लेकिन वो कौन लोग थे जिन्होंने धार्मिक पहचान साझा करने के बावजूद उस तरफ जाने के बजाय भारत को चुना? हमने गांधी के भारत को चुना।
काश उस समय के नेता अपनी कब्रों से उठकर देख पाते कि हमने क्या बनाया है और अब हम कहां जा रहे हैं। आप कब बोलेंगे? आप कब एक ऐसे भारत के लिए खड़े होंगे जो सबका है? उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यह मीडिया कब आजाद होगा। वो लिखने और दिखाने के लिए जो उनके हिसाब से लोगों को दिखाना चाहिए? सब कुछ नियंत्रित है।
कितने लोग सुनेंगे भी जो हमने आज यहां कहा है, सब कुछ नियंत्रित है? उन्होंने इंदिरा गांधी के शासनकाल के आपातकाल का भी जिक्र किया और वर्तमान स्थिति से तुलना की। उन्होंने कह कि वे इंदिरा गांधी के आपातकाल की बात करते हैं। यह सिर्फ 18 महीने चला था। मुझे बस उम्मीद है कि हम जो संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, वह संसद तक पहुंचेगा और हमारे चुने हुए नेता भारतीय लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि हम यहां भीख मांगने नहीं आए हैं। हम यहां अपना अधिकार मांगने आए हैं। शांतिपूर्वक। कश्मीर को एक प्रयोगशाला बनाया था, लेकिन अगर हम एकजुट नहीं हुए तो दूसरे राज्यों को भी यही हश्र झेलना पड़ सकता है। इसीलिए हम यहां हैं। देश को जगाने के लिए।
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