93 वर्षीय जम्मू-कश्मीर सहकारी बैंक के पूर्व डायरेक्टर दोषी करार, अदालत ने सुनाई ये सजा
जम्मू-कश्मीर सहकारी बैंक के पूर्व एमडी मोहम्मद शफी बांडे को धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया है। उन पर अपनी सेवा अवधि बढ़ाने के लिए जन्मतिथि में हेरफेर करने का आरोप है। अदालत ने उन्हें दो साल की कैद और जुर्माना की सजा सुनाई है। शिकायत के बाद हुई जांच में उनकी असली जन्मतिथि का खुलासा हुआ, जिसके अनुसार उन्होंने अवैध रूप से सात साल तक सेवा की और राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया।

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जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर कोआपरेटिव सेंट्रल लैंड डेवलपमेंट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) को धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल के साधारण कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
कश्मीर अपराध शाखा की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, 93 वर्षीय पूर्व एमडी मोहम्मद शफी बांडे को अपनी सेवा अवधि को अवैध रूप से सात वर्ष बढ़ाने के लिए अपनी जन्मतिथि में छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया गया है। अपराध शाखा के अनुसार, यह मामला सात माह पहले एक शिकायत के बाद सामने आया था।
इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपित ने जानबूझकर अपनी असली जन्मतिथि के बजाय एक सितंबर, 1939 दर्ज की थी। इसके लिए उन्होंने एक नकली प्रमाणपत्र पेश किया था। इस सिलसिले में जांच शुरू की गई, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई। जांच में पता चला कि मोहम्मद शफी की असली जन्मतिथि 26 जून, 1932 थी।
जांच में साफ हुआ कि आरोपित ने सात साल से ज्यादा समय तक सेवा में रहकर खुद को गलत लाभ और राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया। मोहम्मद शफी वर्ष 1999 में सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद कोर्ट में मामले की चार्जशीट दायर की गई। श्रीनगर के सिटी जज ने आरोपित को धारा 420, 468 और 471 आरपीसी के तहत दोषी पाया और उसे हर आरोप के लिए दो साल की साधारण कैद और हर अपराध के लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

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