संसद सत्र में शामिल होने के लिए इंजीनियर रशीद को मिली पैरोल, चार अगस्त तक मिली अनुमति
दिल्ली की एक अदालत ने बारामुला से सांसद इंजीनियर रशीद को संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दी है। रशीद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं उसे आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने यह आदेश उनके वकील की याचिका पर दिया हालांकि एनआईए ने जमानत का विरोध किया था।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। देश की राजधानी दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने जम्मू-कश्मीर के बारामुला से सांसद इंजीनियर रशीद को संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए 24 जुलाई से चार अगस्त तक कस्टडी पैरोल पर छोड़ने की अनुमति दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने यह आदेश पारित किया। इंजीनियर रशीद 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2017 के आतंकी फंडिंग केस में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था। रशीद पर अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को फंडिंग देने के आरोप हैं।
रशीद के अधिवक्ता ने अदालत से मांग की थी कि संसद सदस्य के रूप में अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने के लिए उसे तो अंतरिम जमानत दी जाए या कस्टडी पैरोल की अनुमति मिले। अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि अगर परोल दी जाती है, तो उसके लिए यात्रा व्यय न लिया जाए। हालांकि, एनआईए ने अंतरिम जमानत का विरोध किया और कहा कि कस्टडी पैरोल केवल यात्रा खर्चे की अदायगी के बाद दी जा सकती है।
इंजीनियर रशीद ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर बारामुला सीट जीती थी, जबकि वह जेल में बंद थे। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, रशीद का नाम कारोबारी जाहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था। 2019 में आरोपपत्र दाखिल हुआ और मार्च 2022 में उस पर राजद्रोह, आपराधिक साजिश और आतंकी फंडिंग से संबंधित धाराओं में आरोप तय किए गए।
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