Kishtwar Encounter: किश्तवाड़ के जंगल में मुठभेड़, सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद भाग निकले आतंकी
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में दच्छन और नागसेनी के बीच जंगल में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और आतंकी भाग निकले। इलाके में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है जिसके चलते सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी है। 25 जुलाई से किश्तवाड़ में मचैल यात्रा शुरू होने वाली है जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दच्छन और नागसेनी के बीच स्थित जंगल में रविवार सुबह आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर बड़े हमले का षड्यंत्र रचकर गोलीबारी की। मुस्तैद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी भाग निकले। फिलहाल, किसी आतंकी के ढेर होने की सूचना नहीं है। दो से तीन की संख्या में आतंकी जंगल में कहीं छिपे हैं।
सुरक्षाबलों का बड़े पैमाने पर जंगल में तलाशी अभियान जारी है। सेना और पुलिस के आला अधिकारी पूरे अभियान पर नजर रखे हुए हैं। मुठभेड़स्थल पर ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। अतिरिक्त बल मौके पर भेजे हैं। बता दें कि 25 जुलाई से किश्तवाड़ में मचैल यात्रा शुरू हो रही है। इसके चलते सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
नागसेनी स्थित चेरजी इलाके में सुरक्षाबलों का सूचना पर सुबह संयुक्त तलाशी अभियान चल रहा था। इस दौरान आतंकियों ने अचानक जवानों पर पांच से 10 फायर किए। मुस्तैद सुरक्षाबलों ने भी सुरक्षित जगह से जवाब दिया। सूत्रों के अनुसार चेरजी इलाके की खुनधार में आतंकी छिपे हैं। यह इलाका दच्छन के साथ मिलता जुलता है। कुछ दिनों से दच्छन में आतंकी गतिविधियां होने की जानकारी मिल रही थी।
छात्रू के बाद अब चेरजी में भी आतंकी सक्रिय होने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इलाके में सक्रिय आतंकियों में जैश के टॉप कमांडर सैफुल्ला और आदिल भी शामिल हैं, जो लंबे समय से पहाड़ी क्षेत्रों में छिपे हैं। स्थानीय प्रशासन ने जंगल से सटे आबादी वाले क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है।
घने कोहरे और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र होने के बावजूद सुरक्षाबल पूरे जंगल में आगे बढ़ रहे हैं। बता दें कि तीन जुलाई को भी कंजल मांडू इलाके में आतंकवादियों की सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी।
बसंतगढ़ से भागे आतंकी हो सकते हैं
26 जून को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकवादी मारा गया था और उसके तीन साथी ऊधमपुर जिले के बसंतगढ़ क्षेत्र के जंगली इलाके में भाग गए थे, कहीं यह बसंतगढ़ वाले आतंकी किश्तवाड़ की तरफ रुख तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि डुडु बसंतगढ़ से वाया सियोजधार से होते हुए किश्तवाड़ इलाके में आसानी से एक दो दिनों में आया जा सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।