Photos: कश्मीर में धूमधाम से मनाया गया ईद-उल-अजहा का त्योहार, CM उमर अब्दुल्ला सहित इन नेताओं ने अदा की नमाज-ए-ईद
जम्मू-कश्मीर में ईद-उल-अजहा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हजरतबल दरगाह में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत हजारों नमाजियों ने नमाज अदा की। एहतियात के तौर पर जामिया मस्जिद और ईदगाह बंद रहीं मीरवाइज उमर फारूक नजरबंद रहे। वादी में ईद शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गई सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। देश के अन्य भागों की तरह शनिवार को जम्मू कश्मीर में भी ईद-उल-अजहा का मुबारक त्यौहार पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उनके पिता डॉ फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हजरतबल दरगाह में जमा हुए हजारों नमाजियों संग नमाज-ए-ईद अदा की।
अलबत्ता, श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद और ईदगाह में नमाज-ए-ईद नहीं हुई। इन दोनों स्थानों को कथित तौर पर एहतियात के तौर पर बंद रखा था। कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता मीरवाइज उमर फारूक को भी उनके घर में नजरबंद रखा गया था। मीरवाइज फारूक ही ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन हैं।
(फोटो सोर्स- साहिल मीर)
आज सुबह सवेरे ही बड़ी संख्या में लोग अपने नमाज-ए-ईद के लिए अपने निकटवर्ती मस्जिदों,दरगाहों और ईदगाहों में जमा होने लगे थे। मस्जिदों और दरगाहों को भावपूर्ण तरीके से सजाया गया था। घाटी में नमाज-ए-ईद की सबसे बड़ी सभा हजरतबल में हुई जहां लगभग 70 हजार नमाजी जमा हुए थे।
इनमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उनके पिता डॉ फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती व उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी शामिल थीं। अलबत्ता, कश्मीर की सबसे पुरानी और सबड़े बड़ी ऐतिहासिक जामिया मस्जिद बंद रही। बताया जा रहा है कि एहतियात के तौर पर प्रशासन ने इसे बंद रखा।
(फोटो सोर्स- साहिल मीर)
उल्लेखनीय है कि सात वर्ष से जामिया मस्जिद ईद के दिन बंद रखी जा रही है। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को भी प्रशासन ने आज उनके घर में एहतियात के तौर पर बंद रखा औरवह नमाज ए ईउ के लिए जामिया मस्जिद और इ्रदगाह नहीं पहुंच पाए।
मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अपनी नजरबंदी की अपने एक्स हैंडल पर पुष्टि करते हुए लिखा, "ईद मुबारक! एक बार फिर, कश्मीर को दुखद वास्तविकता का सामना करना पड़ा: ईदगाह में ईद की नमाज नहीं हुई और जामा मस्जिद को बंद कर दिया गया - लगातार 7वें साल। मुझे भी मेरे घर पर नजरबंद कर दिया गया है यह उन लोगों के लिए कितनी शर्म की बात है जो हम पर शासन करते हैं और उन लोगों के लिए जो लोगों द्वारा चुने गए हैं जो हमारे अधिकारों को बार-बार कुचले जाने पर चुप रहना चुनते हैं।"
(फोटो सोर्स- साहिल मीर)
बारामुला,कुपवाड़ा, मागाम,बडगाम, सोपोर, हंदवाड़ा, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, त्राल,अवंतीपोर समेत वादी के सभी प्रमुख शहरों व कस्बों में भी ईद एक सुरक्षित शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण मे मनाई गई। किसी जगह कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। स्थिति पूरी तरह सामान्य रही।
(फोटो सोर्स- साहिल मीर)
जहां भी नमाज ए ईद का आयोजन था, वहां मेले जैसा माहौल था। वहां रेहड़ी-फड़ी वालों नेअपनी दुकानें सजा रखी थी और नमाज अदा कर अपने घरों के लिए रवाना होने से पहले लोगों ने इन दुकानों से अपनी इच्छानुसार खरीददारी की। इनमें खिलौने और खाने पीने के सामान की दुकानें थी। झूले भी लगे हुए थे,जहां बच्चों का खूब जमावड़ा था।
(फोटो सोर्स- साहिल मीर)
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने सभी धर्मस्थलों के आस पास सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रखा हुआ था। पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की अतिरिक्त टुकडियों को तैनात किया गया था,ताकि कोई भी शरारती तत्व ईद की खुशियों में खलल न पैदा कर सके।
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