Jammu-Kashmir: स्वास्थ्य बीमा घोटाला मामले में ED ने की बड़ी कार्रवाई, 36 करोड़ से अधिक की संपत्ति को किया अटैच
Srinagar जम्मू कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा घोटाला मामले में जारी जांच के सिलसिले में ईडी ने गुरुवार को 36 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अटैच किया है। सरकार के अधीनस्थ सेवारतसेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों पेंशनधारकों गैर सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए वर्ष 2018 में एक स्वास्थ्य बीमा योजना लाई गई थी। जिसे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंजूरी दी थी।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा घोटाला मामले( (Health Insurance Scam) में जारी जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने (ED) ने गुरुवार को 36 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है। यह मामला जम्मू कश्मीर वित्त विभाग द्वारा ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड (टीआरबीएल) की मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों, पीएसयू कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना का टेंडर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (आरजीआईपीएल) को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
तत्कालीन राज्यपाल ने इस योजना को रखा था स्थगित
जम्मू कश्मीर सरकार के अधीनस्थ सेवारत,सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों, गैर सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए वर्ष 2018 में एक स्वास्थ्य बीमा योजना लाई गई थी। तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने इस योजना के टेंडर आबंटन और प्रीमियम राशि को लेकर असंतोष जताते हुए इस योजना को स्थगित रखा था।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने योजना को दी थी मंजूरी
जम्मू कश्मीर के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक(Former Governor Satyapal Malik) ने जम्मू कश्मीर प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद जब इसमें घोटाले की बातें सामने आयी तो उन्होंने संबधित टेंडर को रद करने का एलान करते हुए बताया कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रूपये की कमीशन की पेशकश हुई थी।
सीबीआई मलिक से भी कर चुकी पूछताछ
जम्मू कश्मीर प्रशासन की शिकायत के आधार पर पहले इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अपराध शाखा ने की। उसके बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच का जिम्मा संभाला। सीबीआई इस मामले में जम्मू कश्मीर के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी पूछताछ कर चुकी है।
उनके कुछ करीबियों के घरों की तलाशी भी ली गई है। ईडी ने इस मामले में सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो श्रीनगर द्वारा दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू कर रखी है। इस पूरे मामले की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत संबधित अपराधों की जांच की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दायर की गई शिकायत में टीआरबीएल, आरजीआईपीएल और अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों को शामिल किया गया है
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