'निर्दोष लोगों को प्रताड़ित न करें, मानवता की...'; दिल्ली ब्लास्ट की जांच पर अब ये क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती
पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट और नौगाम में ब्लास्ट पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है और निर्दोष लोगों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं को हिंसा से दूर रखने और करुणा व न्याय पर जोर दिया।
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दिल्ली ब्लास्ट की जांच पर अब ये क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जम्मू। पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट और नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए आकस्मिक ब्लास्ट पर गहरा शोक और कड़ी निंदा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे दुखद समय में देश को बातचीत, सहानुभूति और एकता पर मजबूती से खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सब्र और मानवता की सबसे अधिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी विचारधारा या शिकायत का समाधान निर्दोष लोगों की हत्या नहीं हो सकता। हिंसा, मानवता की आत्मा को घायल करती है। उन्होंने निष्पक्ष, पारदर्शी जांच की मांग करते हुए कहा कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
रविवार को पार्टी की कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते महबूबा ने कहा कि अतीत में बल और दबाव ने केवल लोगों में दूरी और आक्रोश को बढ़ाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्याय की प्रक्रिया कभी भी गरिमा की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।
पार्टी ने इन दोनों घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त 2019 के फैसलों के बाद के सदमे, पीड़ा और अपमान से उबरने का अवसर तक नहीं दिया जा रहा। राष्ट्रीय नेतृत्व को उन पीढ़ियों तक पहुंचना होगा जिनके पूर्वजों ने भारत के साथ खड़े होने का निर्णय लिया था।
युवाओं की भूमिका पर बोलते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर की ताकत उसके युवा हैं, और उन्हें हिंसा या कट्टरपंथ की तरफ धकेलना समाज के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षा ही अतिवाद से बचा नहीं सकती, युवाओं को करुणा, अवसर और अपनत्व भी चाहिए।
पार्टी ने उन रिपोर्टों पर भी चिंता व्यक्त की, जिनमें कहा गया है कि शिक्षित और व्यवस्थित युवा आज जांच के दायरे में हैं। पार्टी ने दोहराया कि हिंसा, कट्टरता और दमन से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। मतभेदों को शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से सुलझाना आवश्यक है। केंद्र सरकार से अपील की कि बढ़ती दूरियों और अलगाव को संवेदनशीलता और करुणा से दूर करे, न कि बल प्रयोग से।
महबूबा ने कहा कि हमारे घाव आरोप–प्रत्यारोप या बदले से नहीं भरेंगे। वे करुणा, साहस और सच्चाई से भरते हैं। संवाद कमजोरी नहीं, बल्कि सबसे बड़ी ताकत है। अब समय है कि हम भय और पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर शांति और बेहतर भविष्य के लिए एकजुट हों। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कठिन समय में पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहने के लिए धन्यवाद भी दिया।

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