श्रीनगर में कुत्तों का आतंक, युवक पर हमला कर किया घायल; लोगों में दहशत का माहौल
श्रीनगर के नौपोरा इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड ने अरहान बिलाल नामक एक युवक पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना इलाके में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को दर्शाती है निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से इस समस्या का समाधान करने का आग्रह किया है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। श्रीनगर के पुराने शहर के नौपोरा सफाकदल इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड के हमले में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिससे इलाके में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं। घायल की पहचान अरहान बिलाल के रूप में हुई है, जिसे एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर विशेष उपचार दे रहे हैं।
उनके पिता बिलाल अहमद ने बताया कि यह पहली बार नहीं है, जब उनका बेटा इस तरह के हमले का शिकार हुआ है। बिलाल ने कहा, पिछले साल भी, मेरे बेटे पर उसी इलाके में आवारा कुत्तों ने हमला किया था और उसे गंभीर चोटें आई थीं। हम लगातार डर और दहशत में जी रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यह घटना तब हुई जब अरहान अपने घर जा रहा था और कुत्तों के एक झुंड ने अचानक उस पर हमला कर दिया। स्थानीय लोग उसे बचाने के लिए दौड़े, उसे अस्पताल ले जाने से पहले कुत्तों को भगाने में कामयाब रहे।
नौपोरा सफाकदल और आसपास के इलाकों के निवासियों का कहना है कि वे बार-बार अधिकारियों से इस मुद्दे को हल करने का आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाइक सवारों और पैदल चलने वालों को शाम और रात के समय विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कुत्तों के झुंड सड़क पर किसी का भी पीछा करते हैं, जिससे सामान्य आवाजाही जोखिमपूर्ण हो जाती है।
इस हमले ने एक बार फिर श्रीनगर के विभिन्न भागों, विशेषकर पुराने शहर में आवारा कुत्तों द्वारा उत्पन्न खतरे को उजागर कर दिया है, जहां संकरी गलियां और खराब रोशनी की स्थिति खतरे को और बढ़ा देती है।
बता दें कि शहर में लवारिस कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अकेले शहर श्रीनगर में तकरीबन 20,000 लावारिस कुत्तें हैं जबकि गैर सरकारी आंकड़ों की माने तो यह संख्या एक लाख से अधिक है। लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या को काबू में रखने के लिए प्रशासन द्वारा इनकी नसबंदी करने की प्रक्रिया के बंद हो जाने के चलते इनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगी है।
हालांकि, कुत्तों द्वारा इंसानों पर प्रहार करने के बढ़ते मामलों को देख बीते दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने लावारिस कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें रिहायशी इलाकों से निकाल शेल्टर होम में रखा जाने का फरमान जारी किया है।
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