फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप मामले में गुरुग्राम साइबर पुलिस की श्रीनगर में छापेमारी, एडवोकेट निकले साइबर ठग
गुरुग्राम साइबर पुलिस ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप मामले में श्रीनगर में छापेमारी कर दो वकीलों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर एक शिकायतकर्ता से 1.9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरोपियों ने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उच्च रिटर्न का वादा करके लोगों को ठगा।

अदालत ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। गुरुग्राम साइबर पुलिस ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। धोखाधड़ी के तार श्रीनगर के साथ जुड़ते देख गुरुग्राम साइबर पुलिस की घाटी पहुंची टीम ने ताबड़ताेड़ छापेमारी कर इनके सूत्रधारकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने इस मामले में श्रीनगर के दो वकीलों और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। गुरुग्राम साइबर पुलिस ने यह कार्रवाई की और आरोपियों को सिटी जज/जेएमएफसी श्रीनगर के समक्ष पेश किया और हरियाणा में आगे की जांच के लिए ट्रांजिट रिमांड मंजूर करवा ली।
1.9 करोड़ की धोखाधड़ी
शिकायतकर्ता रवि दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि उच्च रिटर्न का वादा करने वाली स्टॉक निवेश योजना को बढ़ावा देने वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़े जाने के बाद उनके साथ 1.9 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की गई।
आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान एडवोकेट शाहनवाज अख्तर निवासी हाउस नंबर 30, इरफान कालोनी, नटिपोरा, श्रीनगर के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर मुख्य साजिशकर्ता है। इसके अलावा एडवोकेट सुहैल अशरफ निवासी गांव खुनमोह, लासजन पंथाचौक, जिला श्रीनगर, जिस पर शिकायतकर्ता से 1.22 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी व लेनदेन की सुविधा देने का आरोप है। जबकि रमीज अहमद खान निवासी अरथ, पीएस सोलीबुग, जिला बडगाम ने कथित तौर पर धन के हस्तांतरण और हेराफेरी को संभाला था।
ट्रांजिट रिमांड मंजूर
अदालती दस्तावेज़ों से संकेत मिलता है कि अभियुक्तों ने और भी पीड़ितों के साथ धोखाधड़ी की होगी। पुलिस के आवेदन की समीक्षा के बाद, अदालत ने श्रीनगर से गुरुग्राम तक ट्रांजिट रिमांड को अधिकृत करने के लिए पर्याप्त आधार पाया, जिससे पुलिस को स्थानांतरण के दौरान अभियुक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जांच जारी रखने की अनुमति मिल सके। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अभियुक्तों ने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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