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    खुशखबरी! जम्मू कश्मीर सरकार का बड़ा फैसला; सेब, केसर, आम और लीची के लिए फसल बीमा योजना की मंजूरी

    By Rahul SharmaEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 03:52 PM (IST)

    जम्मू और कश्मीर सरकार ने सेब, केसर, आम और लीची की फसलों के लिए फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। मार्केट इंटरवेंशन स्कीम को भी फिर से शुरू किया जाएगा। कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ाने और फल मंडियों को अपग्रेड करने पर भी सरकार ध्यान दे रही है। इन कदमों से जम्मू और कश्मीर के बागवानी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और किसानों को लाभ होगा।

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    सेब किसानों के लिए मार्केट सपोर्ट की भी बनाई गई है योजना।

    डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर सरकार ने सोमवार को कहा कि सेब, केसर, आम और लीची की फसलों को री-स्ट्रक्चर्ड वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम के तहत नोटिफाई कर दिया गया है, जिससे यह भरोसा मिलता है कि सेब उगाने वालों के लिए एक फॉर्मल फसल बीमा कवर पाइपलाइन में है। 

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    इस स्कीम को लागू करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी चुनने के लिए टेंडरिंग प्रोसेस अभी चल रहा है। यह भरोसा पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान परा के विधानसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आया। उन्होंने सेब उगाने वालों के हितों की रक्षा और हॉर्टिकल्चर सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करने के लिए सरकार के उपायों के बारे में जानकारी मांगी थी। 

    मार्केट इंटरवेंशन स्कीम फिर होगी शुरू

    लिखे हुए जवाब के मुताबिक, सरकार ने कहा कि नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) के ज़रिए 2019 में पहली बार शुरू की गई मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) ने COVID-19 महामारी के दौरान सेब किसानों को समय पर मार्केट सपोर्ट दिया था। प्रशासन अब उगाने वालों के लिए लंबे समय के फायदे पक्का करने के लिए इस स्कीम को फिर से शुरू करने पर काम कर रहा है।

    जवाब में आगे कहा गया कि सरकार कटाई के बाद बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रही है। जम्मू और कश्मीर में अभी 2.92 लाख मीट्रिक टन (LMT) की कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर (CA) स्टोरेज कैपेसिटी है, जबकि अनुमानित ज़रूरत 6 एलएमटी है, जो सालाना फल प्रोडक्शन का लगभग 30 प्रतिशत है।

    सीए स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाएगा विभाग

    यह भी बताया गया कि “विभाग अगले पांच सालों में सीए स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) के तहत फंड के अलावा, जम्मू कश्मीर सरकार केंद्र शासित प्रदेश कैपेक्स बजट के जरिए टॉप-अप सब्सिडी दे रही है।” 

    अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन हर ज़िले में जागरूकता सेमिनार कर रहा है ताकि युवाओं को सीए इंफ्रास्ट्रक्चर और कटाई के बाद की दूसरी फैसिलिटी बनाने के लिए मिलने वाले इंसेंटिव के बारे में बताया जा सके। सरकार लस्सीपोरा (पुलवामा) और अगलर (शोपियां) में मौजूदा हब के अलावा ज़िलों में हॉर्टिकल्चर के लिए नए सेक्टर-स्पेसिफिक इंडस्ट्रियल एस्टेट डेवलप करने के लिए इंडस्ट्रीज़ एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट के साथ भी मिलकर काम कर रही है।

    फल मंडियों को लगातार किया जा रहा अपग्रेड

    फल मंडी अपग्रेडेशन के बारे में पारा के सवाल के जवाब में, सरकार ने बताया कि प्रिचू पुलवामा और पचर राजपोरा में दो मार्केट चालू हैं और उनमें बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। जवाब में आगे कहा गया, “इन मंडियों का अपग्रेडेशन और सुधार एक लगातार चलने वाला प्रोसेस है। साल 2025-26 के लिए NABARD के तहत क्रमशः 1.28 करोड़ रुपये और 3.68 करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है।” 

    सरकार ने कहा कि आने वाली फसल बीमा योजना, एमआइएस को फिर से शुरू करना, और कोल्ड स्टोरेज और मंडी सुविधाओं को बढ़ाना, इन उपायों का मकसद जम्मू और कश्मीर के बागवानी इकोसिस्टम को मजबूत करना और पूरे केंद्र शासित प्रदेश में हजारों फल उगाने वालों की रोजी-रोटी को सुरक्षित करना है।