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    सीएम उमर अब्दुल्ला के निर्देश, तटबंधों को तुरंत मजबूत बना लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाएं, चौबीस घंटे करें निगरानी

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:52 AM (IST)

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और संवेदनशील स्थलों पर तटबंधों को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों पर जोर दिया। विस्थापित लोगों के लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने और अफवाहों को रोकने के लिए कहा गया। अगले 72 घंटों को नाज़ुक बताते हुए मुख्यमंत्री ने चौकसी बरतने की बात कही।

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    उमर ने कहा नुकसान की सही रिपोर्ट बनाएं ताकि राहत एवं मुआवज़े का वितरण किया जा सके।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संवेदनशील स्थलों पर तटबंधों को तुरंत मज़बूत करने, डूबे हुए क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और नियंत्रण कक्षों के माध्यम से 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का बार-बार दौरा करने, समय पर सलाह जारी करने, लोगों को सजग रहने, घबराहट से बचने और प्रशासन से सहयोग करने की अपील पर ज़ोर दिया।

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    यह निर्देश मुख्यमंत्री ने कश्मीर घाटी में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए जिसमें बचाव, राहत और पुनर्वास उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया।

    उमर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विस्थापित लोगों के लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस से घनिष्ठ समन्वय रखा जाए, और अफवाहों को सख़्ती से रोका जाए। उन्होंने बिजली, पानी और सड़क संपर्क जैसी आवश्यक सेवाओं की शीघ्र बहाली पर बल दिया।

    अगले 72 घंटे अभी भी नाजुक

    अगले 48 से 72 घंटे नाज़ुक समय बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जो चौकसी बरती जा रही है उसे तब तक जारी रखना होगा जब तक जलस्तर खतरे के निशान से नीचे नहीं आ जाता। ज़मीन पर तैनात हमारी टीमें पूरी तरह सक्रिय रहनी चाहिए और लगातार तटबंधों पर नज़र रखनी चाहिए। किसी भी प्रकार की रिसाव या टूट-फूट को तुरंत सुधारा जाए। लगातार बारिश से मिली राहत ने स्थिति को दो दिन पहले की तुलना में बेहतर बनाया है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते।

    नुकसान का हो सही आकलन

    उन्होंने नुकसान के सही आकलन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि इससे राहत एवं मुआवज़े की राह तैयार होगी।उन्होंने कहा उपायुक्त संपत्ति, कृषि भूमि और आधारभूत ढांचे को हुए नुकसान का सही मूल्यांकन करें। ये निष्कर्ष भारत सरकार के समक्ष आवश्यक मांग रखने का आधार बनेंगे।तात्कालिक राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने यूटी कैपेक्स बजट से 5 करोड़ रुपये उपयोग करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष का भी उपयोग होगा।

    फसलों को हुए नुकसान का भी पता लगाएं

    मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और कृषि विभाग के अधिकारियों को दोनों प्रांतों में खड़ी फ़सलों के नुकसान का आकलन करने को कहा और चेताया कि एनएच-44 बंद होने की परिस्थितियों में मुगल रोड बेहद अहम जीवनरेखा के रूप में उभरी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जलजनित और बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों से सतर्क रहने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार कश्मीर घाटी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा, समय पर राहत और शीघ्र सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    कश्मीर में कई जगह खतरे से नीचे पहुंचा जलस्तर

    मंडलायुक्त कश्मीर ने बैठक में जानकारी दी कि संगम, राम मुंशी बाग और आशम में जल स्तर खतरनाक निशान से नीचे आ गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण, पुलिस और अन्य विभागों के कर्मी कमज़ोर तटबंधों पर गश्त कर रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर वहां बोरी-बालू लगा रहे हैं। शालीना क्षेत्र के डूबे हुए गांवों में पानी घटने लगा है और विस्थापित परिवारों के लिए राहत कार्य जारी है।

    अधिकतर क्षेत्रों में जलापूर्ति बहाल

    अधिकारियों ने बताया कि जल आपूर्ति योजनाएं सुचारु रूप से कार्य कर रही हैं। केवल कुछ स्थानों पर मामूली व्यवधान है। जबकि बिजली, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं। आवश्यक आपूर्ति मुगल रोड से भेजी जा रही है, जो घाटी की अस्थायी जीवनरेखा बन गई है। जानकारी दी गई कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग -44 कल तक बहाल होने की उम्मीद है और फलों से भरे ट्रक फिलहाल चरणबद्ध तरीके से मुगल रोड से निकाले जा रहे हैं।

    सभी उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री से जमीनी रिपोर्ट साझा की

    घाटी के सभी जिलों के उपायुक्तों ने भी जमीनी रिपोर्ट साझा की और पुष्टि की कि झेलम की सहायक नदियों दृ जैसे लिद्दर, वैशो, संडरन, रावी आरा आदि का जलस्तर घट रहा है। बैठक में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चैधरी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू, जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा और मुख्यमंत्री के सलाहकार नसीर असलम वानी उपस्थित रहे। इसके अलावा मुख्य सचिव अटल डुुल्लू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल शक्ति, कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मंडलायुक्त कश्मीर, सभी प्रशासनिक सचिव, विभागों के प्रमुख, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। 

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