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    जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के बाद स्कूल हुए बंद, तीन की मौत; श्रीनगर हाईवे बंद

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 07:21 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार तड़के बादल फटने भारी बारिश और ओलावृष्टि से भारी तबाही मची। सेरी बगन में तीन लोगों की मौत हो गई जिनमें दो बच्चे शामिल हैं। बाढ़ से 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद हो गया है। कई घर और दुकानें मलबे में दब गईं हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

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    रामबन में बादल फटने से भारी तबाही, तीन की मौत, हाईवे बंद। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। जम्मू संभाग के रामबन जिले में रविवार को तड़के भारी बारिश, ओलावृष्टि और बादल फटने से आई बाढ़ में दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। जिले के सेरी बागन क्षेत्र में इस प्राकृतिक आपदा के चलते घरों में मलबा भर गया। 200 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

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    इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार को जारी आदेश में बताया कि भारी बारिश और खराब मौसम को देखते हुए घाटी के सभी स्कूलों में सोमवार, 21 अप्रैल को कक्षाएं स्थगित रहेंगी।

    शिक्षा मंत्री सकीना इत्तो ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जानकारी देते हुए कहा, "लगातार बिगड़ते मौसम और मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए, एहतियातन फैसला लिया गया है कि 21 अप्रैल को घाटी के सभी स्कूलों में एक दिन के लिए कक्षा कार्य स्थगित रहेगा।" उन्होंने कहा कि यह कदम छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है।

    राष्ट्रीय राजमार्ग बंद, दूरसंचार सेवाएं ठप

    रणनीतिक रूप से अहम जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन हुआ और पहाड़ से मलबा गिरा है। जिसके कारण दोनों तरफ से यातायात बंद हो गया है। इसके चलते सैकड़ों यात्री, ट्रक और बसें रास्ते में फंसी हुई हैं। पूरे क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर हैं। धर्मकुंड गांव में 40 मकानों को भारी नुकसान हुआ। मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त होने से दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई हैं।

    बाढ़ से उपजे हालात से निपटने के लिए सेना, पुलिस, क्यूआरटी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें तड़के से ही बचाव कार्य में जुटी हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीन लोगों की मौत पर दुख जताया है और प्रभावित लोगों को शीघ्र सहायता पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

    इस बीच, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और रामबन के जिला उपायुक्त ने क्षेत्र का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली। बता दें कि जम्मू संभाग में पिछले दो दिनों में भारी बारिश के चलते पांच लोगों की जान जा चुकी है।

    मौसम विभाग ने जारी की थी चेतावनी मौसम विभाग ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों भारी बारिश और तेज आधी की चेतावनी पहले ही जारी की थी। रामबन जिले में शनिवार देर रात से ही वर्षा होने लगी थी।

    सेरी बागन समेत कई इलाके चपेट में

    रविवार को तड़के करीब तीन बजे रामबन के सेरी बागन इलाके में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। सेरी बागन, केला मोड़, बाउली बाजार और धर्मकुंड इलाके इसकी चपेट में आए। पहाड़ों से पानी के साथ बहे भारी मलबे और पत्थरों ने कई दुकानों, होटल और घरों को अपनी चपेट में ले लिया।

    मलबे की चपेट में आने से दो बच्चे आकिब अहमद व मोहम्मद साकिब जोकि सगे भाई हैं और मुनी राम सभी निवासी सेरी बागना की मौत हो गई। सेरी बागना में बादल फटने से हुई तबाही का मंजर ऐसा था कि शान पैलेस के पास होटलों के बाहर दो मंजिल ऊंचा मलबे का पहाड़ बन गया। बाहर खड़े वाहन मलबे में दब गए या सड़क से नीचे बह गए हैं।

    कश्मीर में भी खतरा

    पुलिस कंट्रोल रूम के मुताबिक रामबन जिले के सेरी, केला मोड़ और धर्मकुंड में करीब 50 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं किश्तवाड़ में भी भूस्खलन उधर किश्तवाड़ जिले के नाग सेनी इलाके के पत्थर नक्की गांव में लगातार चार दिनों से पहाड़ों पर भूस्खलन और जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। जमीन धंसने से मचैल माता मंदिर को जोड़ने वाले किश्तवाड़-पाडर मार्ग का 200 मीटर हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

    वहीं कश्मीर में भी लगातार वर्षा से कई स्थानों पर जलस्त्रोत उफान पर हैं और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

    बादल फटना तकनीकी शब्द है। मौसम विभाग के अनुसार किसी स्थान पर एक घंटे में 100 एमएम से अधिक वर्षा होती है तो उसे बादल फटना कहते हैं। इस स्थिति में सीमित क्षेत्र में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है। इस कारण उस क्षेत्र में तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।

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