काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर का कड़ा प्रहार, दिल्ली में आतंकी फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड, दो कश्मीरी गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर पुलिस की सीआईके इकाई ने आतंकवादियों के फंडिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। नई दिल्ली के लाजपत नगर में छापेमारी कर दो कश्मीरी व्यापारियों को गिरफ्तार किया गया है जो शालीमार टेक्सटाइल्स चलाते थे। जांच में पता चला कि ये व्यापारी लश्कर-ए-तैयबा के लिए वित्तीय माध्यम के रूप में काम कर रहे थे। उनके पाकिस्तानी आकाओं से संबंध और हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसे भेजने के सबूत मिले।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) इकाई ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए आतंकवादियों के फंडिंग नेटवर्क पर गहरी चोट की है। नई दिल्ली लाजपत नगर स्थित 'शालीमार टेक्सटाइल्स' नामक एक व्यावसायिक इकाई में ताबड़तोड़ और सर्जिकल छापे मार सीआईके ने न सिर्फ नेटवर्क का भंडाफोड़ किया बल्कि इसे चला रहे दो कश्मीरी व्यवसासियों को भी गिरफ्तार किया है।
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हिरासत में लिए गए दोनों कश्मीरी व्यवसायियों से पूछताछ के आधार पर सीमा पर पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी आकाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती हैं। इस नेटवर्क के तार जम्मू-कश्मीर के अलावा देश के किन-किन राज्यों में फैले हुए हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
पुलिस स्टेशन सीआईके श्रीनगर में दर्ज एफआईआर के तहत की गई ये छापेमारी को कामयाब बनाने के लिए एनआईए अधिनियम के तहत नियुक्त माननीय विशेष न्यायाधीश से तलाशी वारंट भी जारी करवाया गया था। अधिकारी ने बताया कि उनका यह अभियान यूएपीए की धारा 13, 38, 39, 40 के साथ आईपीसी 120-बी के तहत एक व्यापक जांच का हिस्सा था। जिसमें वह पूरी तरह से सफल रहे।
एलईटी की खौफनाक साजिश का हुआ पर्दाफाश
सीआईके ने बताया कि यह पूरा मामला नियंत्रण रेखा के पार प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आकाओं और कमांडरों द्वारा रची गई एक खौफनाक साजिश का पर्दाफाश करता है। एलईटी खाड़ी देशों सहित अन्य विदेशी क्षेत्रों में बसे पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मिलकर, तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और प्रवासियों के वेश में कूरियर नेटवर्क के माध्यम से कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने के लिए पैसा पहुंचा रहे हैं।
कश्मीर के दो व्यापारी दिल्ली से चला रहे थे नेटवर्क
सीआईके की जांच में एक ऐसा सच सामने आया जिसने सभी को चौका दिया। बडगाम निवासी मोहम्मद अयूब भट लाजपत नगर में 'शालीमार टेक्सटाइल्स' नामक एक व्यापारिक प्रतिष्ठान चलाता था। एक वैध व्यापारी होने का ढोंग रच वह दिल्ली में बैठ घाटी में लश्कर की आतंकी गतिविधियों के लिए एक प्रमुख वित्तीय माध्यम के रूप में काम कर रहा था। उसके अलावा मोहम्मद रफीक शाह निवासी एसडीए कॉलोनी बेमिना, श्रीनगर भी उसके इस नेटवर्क का मुख्य सहयोगी था।
पाकिस्तान से जुड़ते कई सबूत भी लगे हाथ
अभियान के दौरान सीआईके ने पाकिस्तानी आकाओं के साथ संदिग्ध संचार, भूमिगत हवाला नेटवर्क के माध्यम से भेजी गई विदेशी धनराशि और आतंकवादी संगठनों से जुड़े लोगों के साथ एन्क्रिप्टेड चैट सहित विस्फोटक डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। बरामद उपकरणों और दस्तावेज़ों का फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है और उम्मीद है कि इनसे एक बड़े, गहरे तक जड़ें जमाए हुए वित्तीय जाल का पर्दाफाश हो जाएगा। बरामद दस्तावेजों और तकनीकी सुरागों के आधार पर, सीआईके की टीमों ने दिल्ली पुलिस की टीमों के साथ मिलकर लाजपत नगर स्थित परिसरों की तलाशी ली और महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए। जिनसे इस हाई-प्रोफाइल जांच के अगले चरण को बल मिलने की उम्मीद है।
गिरोह के तार दूसरे देशों से भी जुड़े होने की संभावना
सीआईके ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों से प्रारंभिक पूछताछ शुरू हो चुकी है। प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद वित्तपोषण गिरोह के तौर पर काम कर रहा है। जिसमें विदेशी आका, खाड़ी देशों से सहानुभूति रखने वाले और स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) भी शामिल हैं। ये सभी एक गुप्त फंडिंग नेटवर्क के जरिए जुड़े हुए हैं जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाना है।
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