बडगाम में आवारा कुत्तों के खतरे पर डीसी का सख्त आदेश, स्कूलों और अस्पतालों के आसपास विशेष अभियान चलाने के निर्देश
बडगाम के डीसी ने आवारा कुत्तों के खतरे को देखते हुए स्कूलों और अस्पतालों के आसपास विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है। नगर पालिका और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से कुत्तों को पकड़कर टीकाकरण करेंगे और पुनर्वासित करेंगे। डीसी ने नागरिकों से सहयोग करने और पालतू कुत्तों को सड़कों पर न छोड़ने की अपील की है।

डीसी बडगाम ने अस्पतालों, सभी हेल्थ सेंटरों में एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन और इम्यूनोग्लोबुलिन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। शैक्षणिक संस्थानों व अस्पतालों के निकट आवारा कुत्तों की मौजूदगी के मामले पर डीसी बडगाम डॉ. बिलाल मोहिद्दीन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए पूरे जिले में खास डॉग शेल्टर, एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) और आस-पास सेफ्टी ड्राइव चलाने का आदेश दिया।
जिला स्तर की इस बैठक में डीसी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। डीसी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा और भलाई जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। सीधे ज्यूडिशियल मॉनिटरिंग वाले मामलों में सख्त जवाबदेही की जरूरत होती है। किसी भी तरह की देरी, लापरवाही या कार्यवाही में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डीसी ने सभी विभागों की तैयारियों का आंकलन किया और निर्देश दिया कि सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी शैक्षणिक संस्थानों में तुरंत आवारा कुत्तों से बचाव के लिए कदम उठाए जाएं।
नोडल ऑफिसर मनोनीत करने का भी निर्देश दिया
मुख्य शिक्षा अधिकारी को शैक्षणिक संस्थानों की सफाई तथा रखरखाव के लिए जिम्मेदार नोडल ऑफिसर नॉमिनेट करने का निर्देश दिया गया। डीसी ने संबंधित अधिकारी को यह पक्का करने का निर्देश दिया कि कोई भी आवारा कुत्ता स्कूल कैंपस में न घुसे या न रहे और जहां भी दखल की ज़रूरत हो।
बैठक के दौरान डीसी बडगाम ने आवारा कुत्तों के मैनेजमेंट के लिए पूरे जिले में कार्रवाई को और मज़बूत करने के लिए कुछ खास निर्देश भी जारी किए। उन्होंने बडगाम की म्युनिसिपल कमेटियों को कुत्तों के लिए अलग शेल्टर शेड और क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश दिया। एक हफ़्ते के अंदर इसके लिए उचित ज़मीन की तुरंत निशानदेही करने का निर्देश दिया, यह पक्का करते हुए कि ये जगहें आबादी वाले इलाकों से दूर रहें।
एबीसी सेटअप को तुरंत शुरू करने पर दिया जोर
डीसी ने जिले की सभी म्युनिसिपैलिटयों में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेटअप को तुरंत चालू करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने एनिमल वेलफेयर रूल्स, 2023 के अनुसार सख्ती से पालन किए जाने वाले तरीकों पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने क्लस्टर बनाकर ग्रामीण इलाकों में शेल्टर शेड और एबीसी उपायों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(एसओपीज) को लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पांच क्लस्टर चालू किए जाएंगे, और एसडी को अगले दो हफ़्तों के अंदर इसके लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार करने का निर्देश दिया गया।
एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन की उपलब्धता सुनिश्चित करें
डीसी ने स्कूल, कॉलेज और अस्पताल समेत सार्वजनिक जगहों की एक लिस्ट बनाने का भी निर्देश दिया, ताकि इन कैंपस के अंदर कोई आवारा कुत्ता न हो, क्योंकि ऐसी मौजूदगी बच्चों के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने सीएमओ को यह भी निर्देश दिया कि सभी 24×7 हेल्थ सेटअप में एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन और इम्यूनोग्लोबुलिन की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
डीसी ने चीफ एजुकेशन ऑफिसर और कॉलेजों के हेड को कुत्तों के खतरे से जुड़े डिटेल्ड अवेयरनेस प्रोग्राम बनाने का निर्देश दिया, जिसमें कुत्ते के काटने और प्रोटोकॉल मैनेजमेंट के बारे में क्या करें और क्या न करें, यह शामिल हो।उन्होंने ज़ोर दिया कि स्कूलों को विद्यार्थी शिक्षक और नॉन-टीचिंग स्टाफ के लिए सुरक्षित व्यवहार, बचाव के उपायों और आवारा कुत्तों से बचने के तरीकों पर जागरूक्ता कार्यक्रम आयोजित करनी चाहिए।
मजबूत बचाव तरीकों की जरूरत पर दिया जोर
डॉ. बिलाल ने स्कूल परिसर के अंदर सही वेस्ट मैनेजमेंट, बाउंड्री इंस्पेक्शन और कमजोर इलाकों की रेगुलर मॉनिटरिंग सहित मजबूत बचाव के तरीकों की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के आसपास सभी रिस्क फैक्टर्स को खत्म करने के लिए कमिटेड है और सभी डिपार्टमेंट्स के मिलकर किए गए प्रयासों से ज़मीन पर दिखने वाले और मापने लायक नतीजे मिलेंगे।
डीसी ने सभी स्टेकहोल्डर्स को डिपार्टमेंट्स के बीच करीबी तालमेल बनाए रखने, रेगुलर इंस्पेक्शन करने, किसी भी मौजूदा कमी को तुरंत दूर करने और माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को समय पर लागू करने का निर्देश दिया।

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