सीजफायर के बाद बॉर्डर शांत, जम्मू-कश्मीर में दहशत और हाई अलर्ट बरकरार; लोगों को घर न लौटने के दिए निर्देश
जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम के बाद सीमाएं शांत हैं लेकिन हाई अलर्ट बरकरार है। शनिवार रात से पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियां बंद हैं। पहले पाकिस्तान ने सीजफायर के बाद भी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए थे जिससे दहशत का माहौल था। सुरक्षा बल अभी भी सतर्क हैं और सीमांत वासियों को घरों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। पाकिस्तान की ओर से शैलिंग, ड्रोन हमले रोके जाने के बाद जम्मू कश्मीर में सीमाएं शांत हो गई हैं। शनिवार रात 11 बजे के बाद से प्रदेश में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी व ड्रोन गतिविधियां नहीं हुई है।
पाकिस्तान ने शनिवार को सीजफायर के बाद भी तीन घंटे गोलाबारी करने के साथ ड्रोन से हमले किए थे। इसके बाद सब शांत हो गया। लेकिन अभी भी दुश्मन पर यकीन नहीं किया जा सकता है। पिछले छह दिनों में शनिवार को ऐसी पहली रात थे जब पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी के साथ दिल दहलाने वाले ड्रोन के धमाके नहीं हुए।
जम्मू संभाग में कठुआ, सांबा, जम्मू के साथ राजौरी व पुंछ जिलों में कई दिनों के बाद एक रात सुकून से निकली। कश्मीर संभाग में भी नियंत्रण रेखा पर शनिवार रात ग्यारह बजे के बाद गोले दागे जाने का सिलसिला बंद हो गया था।
किसी भी हालात से निपटने की तैयारी
इसी बीच गोलाबारी, ड्रोन गतिविधि बंद होने के बाद भी सेना, सीमा सुरक्षा बल उच्चतम स्तर की सर्तकता बरत रहे हैं। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा व प्रदेश में नियंत्रण रेखा पर किसी भी प्रकार के हालात का सामना करने की तैयारी है। रविवार की रात शांत रहने की स्थिति में यह यकीन करना संभव होगा कि पाकिस्तान संघर्ष विराम के प्रति गंभीर है।
ऐसे में रविवार को प्रदेश प्रशासन की ओर से सीमांत वासियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे अभी घरों को न लौटें। सीमा के अग्रिम इलाकों में ऐसे विस्फोट हो सकते हैं जो पाकिस्तान द्वारा दागने के बाद फटे नहीं हैं। इन्हें सेना, सुरक्षाबलों द्वारा तबाह करने के बाद ही सीमांत क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
बौखलाहट में पाकिस्तान ने की गोलीबारी
कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमलों के विरोध में 24 अप्रैल को सिंधु जल संधि पर रोके लगाने के साथ पाकिस्तान ने गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसके बाद दोनों देशों में तनाव के चलते 7 मई से पाकिस्तान की ओर से की गई भीषण गोलाबारी के साथ ड्रोन हमलों में पांच सुरक्षाकर्मियों समेत 27 लोगों की मौत हुई है। खासी संख्या में लोग गोलाबारी, ड्रोन के हमलों में घायल हुए हैं। पिछले तीन दिनों में प्रदेश में सिल सिलेवार विस्फोट हुए थे।
पाकिस्तान के हर हमले नाकाम
पाकिस्तान द्वारा शुक्रवार से गोलाबारी ड्रोन हमलों में तेजी के चलते सेना के 2 जवानों, भारतीय वायुसेना के एक सार्जेंट के साथ सीमा सुरक्षा बल के एक सब इंस्पेक्टर बलिदान हुए हैं। उनसे पहले 7 मई को पुंछ सेक्टर में हरियाणा के लांस नायक दिनेश कुमार बलिदान हुए थे।
वहीं शुक्रवार के बाद हिमाचल के एक जेसीओ सूबेदार मेजर पवन कुमार शनिवार सुबह पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में अपनी पोस्ट पर गोलाबारी का जवाब देते हुए बलिदान हुए थे। वहीं जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के 25 वर्षीय राइफलमैन सुनील कुमार आरएसपुरा सेक्टर के अब्दुल्लियां में बलिदान हुए। वह साथ लगते अरनिया के त्रेवा के निवासी थी।
भारतीय वायुसेना के 36वें विंग के 36 वर्षीय मेडिकल असिस्टेंट, सार्जेंट सुरेंद्र कुमार मोगा उधमपुर में पाकिस्तानी हमले में बलिदान हुए। उनका परिवार राजस्थान के झुंझुनू के मेहरादासी गांव में है। उनके परिवार में उनकी 65 वर्षीय मां नानू देवी, पत्नी सीमा व दो बच्चे हैं।
सीमा सुरक्षाबल के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का सामना करते हुए बलिदान हुए थे।
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