J&K News: 'धार्मिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात', नजरबंद बनाए जाने पर भड़के मीरवाइज; गाजा को लेकर क्या बोले
मीरवाइज उमर फारूक ने दो सप्ताह बाद जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की। उन्होंने सरकार द्वारा नजरबंद किए जाने की आलोचना की और इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। मीरवाइज ने लोगों से नशे के खिलाफ एकजुट होने और गाजा के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इजरायल के अत्याचारों को रोकने की अपील की।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक शुक्रवार को एक पखवाड़े के बाद एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा अदा करने की अनुमति मिल गई।
उन्होंने नमाज से पूर्व अपने खुतबे में प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें बीते दो शुक्रवार को नजरबंद बनाए जाने की आलोचना करते हुए इसे अनुचित और धार्मिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात बताया है।
मीरवाइज मौलवी उमर फारूक न सिर्फ कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेता हैं बल्कि वह आल पार्टी हुर्रियत कान्फेंस व अवामी एक्शन कमेटी के चेयरमैन भी हैं। अवामी एक्शन कमेटी को गैर कानूनी घोषित किया जा चुका है।
नमाज ए जुम्मा से पूर्व नमाजियों को संबोधित करते हुए मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि मुझे बार-बार शुक्रवार को जामा मस्जिद में जाने से रोकना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे लोग और भी अलग-थलग पड़ जाते हैं।
इससे ऐतिहासिक वास्तविकताएं नहीं बदलतीं। उन्होंने प्रशासन से इस तरह की मनमानी कार्रवाइयों को रोकने और लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता और जुमे की नमाज़ पढ़ने के उनके मौलिक अधिकार का पालन करने का आग्रह किया।
उन्होंने इस दौरान लोगों से समाज में लगातार फैल रहे नशे के जाल को रोकने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि अभिभावकों को याहिए कि वह अपने बच्चों पर नजर रखें। अगर आपको अपने आस कोई गलत कार्य में लिप्त नजर आता है तो उसके बारे में संबधित एजेंसियों को सूचित करें।
मीरवाइज ने अपने खुतबे में गाजा के लोगो के प्रति कश्मीरियों की सवेदना और सहानुभूति भी प्रकट की। उन्होंने कहा कि वहां भुखमरी फैल रही है जिसे रोकने के लिएविश्व समुदाय को उचित पग उठाने चाहिए। इजरायल के जुल्म रोके जाने चाहिए।
उन्होंने इन अत्याचारों को रोकने और निर्दोष नागरिकों की हत्या को रोकने में दुनिया की विफलता मानवता की अंतरात्मा पर एक स्थायी दाग़ बनी रहेगी।
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