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    'कठपुतली के अलावा कुछ...', राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस, NC-PDP के एकजुट होने पर BJP का हमला, लगाए कई गंभीर आरोप

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 10:10 AM (IST)

    भाजपा नेता सुनील शर्मा ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की कठपुतली है। उन्होंने नेकां और पीडीपी पर दोहरी राजनीति का आरोप लगाया, कहा कि वे दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ चाय पीते हैं और कश्मीरियों को गुमराह करते हैं। 

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    राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस, NC-PDP के एकजुट होने पर BJP का हमला। फाइल फोटो


    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस की जम्मू कश्मीर में कोई हैसियत नहीं है, वह सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस नेकां की कठपुतली है।

    आज यहां विधानसभा परिसर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान करने से पूर्व पत्रकारों के साथ बातचीत में भाजपा नेता ने नेकां और पीडीपी पर दोगली राजनीति का आरोप भी लगाया और कहा कि इन दोनों दलों के नेता स्वयं दिल्ली में भाजपा नेताओं के घरों में चाय पीते हैं और यहां कश्मीरियों को कहते हैं कि भाजपा कश्मीर और कश्मीरियों की दुश्मन है।

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    भाजपा विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने कांग्रेस, पीडीपी और नेकां के राज्यसभा चुनाव में एकजुट होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की अपनी कोई हैसियत नहीं है। यह नेकां के हाथ की कठपुतली है। अब्दुल्ला परिवार की किचन और कैबिनेट में जो फैसले लिए जाते हैं, वह कांग्रेस को मानने पड़ते है। इंदिरा शेख समझौता जब हुआ तो यहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री कहा गया कि शेख अब्दुल्ला के लिए कुर्सी छोड़ दो।

    राजीव-फारूक समझौता भी हमारे सामने है। राज्यसभा के लिए एक सभी सीट नेकां ने कांग्रेस को नहीं दी और प्रदेश कांग्रेस के नेता नाराज हैं, लेकिन उमर अब्दुल्ला ने तय किया कि कांग्रेस को उन्हें वोट देना चाहिए और कांग्रेस आला कमान का हुक्म आ गया।

    उन्होंने कहा कि नेकां, पीडीपी और कांग्रेस यह सभी खानदानी सियासत करते आए हैं और यह नहीं चाहते कि सत्ता इनके हाथ से जाए। इसलिए एक दूसरे के खिलाफ होने के बावजूद भी यह आज एकजुट हो गए हैं क्योंकि इन्हें पता है कि सत्ता इनके साथ से जा सकती है। यहां जम्मू कश्मीर की जनता अब इन दलों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त होना चाहती है, जिससे यह परेशान हैं।

    जिस तरह से पीडीपी और नेकां ने यह चुनाव मिलकर लड़ने का एलान किया है, उससे यह साफ है कि ये दोनों परिवार किसी आम आदमी को पॉलिटिक्स और पावर में नहीं आने देंगे।

    उन्होंने नेकां और पीडीपी पर दोगली राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां यह लोग खुलेआम भाजपा का विरोध करते हैं, लेकिन दिल्ली में यह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के घर में बैठ उनके साथ चाय पीते हैं।

    इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों का अटल बिहारी वाजपेयी, एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी जैसे भाजपा के बड़े नेताओं के साथ दोस्ती का एक लंबा इतिहास है।

    फारूक अब्दुल्ला हो या उमर अब्दुल्ला, मुफ्ती मोहम्मद सईद हों या फिर महबूबा मुफ्ती, जब यह दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ मिलते हैं, एक साथ खाना खाते हैं तो बिल्कुल ठीक, लेकिन जब कोई आम कश्मीरी भाजपा का समर्थन करता है, भाजपा के साथ जुड़ता है।

    सुनील शर्मा के साथ खड़ा होता तो यह भाजपा को अपवित्र बताते हैं, कश्मीर और कश्मीरियों का दुश्मन बताते हैं। इन दलों की दोगली राजनीति ने ही यहां विभिन्न समुदायों के बीच दूरियां बढ़ा दी हैं और बेवजह नफरत फैलाई है।

    राजनीतिक दुश्मनी से नफरत नहीं फैलनी चाहिए, और कहा कि सार्वजनिक बातचीत में ईमानदारी और निष्पक्षता होनी चाहिए। शर्मा ने नेकां और पीडीपी नेतृत्व पर जनता की जवाबदेही से बचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेकां औरपीउीपी के नेता चुपचाप मिलकर सच्चाई को लोगों से छिपाते हैं।