Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी को ऊधमपुर से आगे पदयात्रा की नहीं होगी अनुमति
राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व करते हुए 19 जनवरी को प्रदेश में दाखिल होंगे लेकिन जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर ऊधमपुर से आगे उन्हें पदयात्रा की अनुमति नहीं होगी। आतंकी खतरा नहीं है लेकिन खतरे की आशंका से इन्कार भी नहीं किया जा सकता।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व करते हुए 19 जनवरी को प्रदेश में दाखिल होंगे, लेकिन जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर ऊधमपुर से आगे उन्हें पदयात्रा की अनुमति नहीं होगी। राहुल गांधी को बुलेट प्रूफ गाड़ी में सवार होना पड़ेगा।
अधिकारिक तौर पर प्रशासन ने अभी ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा परिदृश्य का हवाला देते हुए यात्रा को वाहनों में ही अनुमति देने का सुझाव दिया है। इस बीच, प्रदेश पुलिस ने यात्रा के लिए सुरक्षा कवच तैयार करना शुरू कर दिया है। ड्रोन से भी यात्रा मार्ग की निगरानी की जाएगी। इस समय तलाशी अभियान भी जारी हैं।
छोटी सी चूक पड़ सकती है भारी
सूत्रों ने बताया कि प्रत्यक्ष रूप से बेशक राहुल गांधी और उनके साथ यात्रा में शामिल अन्य लोगों को कोई आतंकी खतरा नहीं है, लेकिन खतरे की आशंका से इन्कार भी नहीं कर सकते। इस समय जम्मू कश्मीर में स्थिति लगभग शांत और सामान्य है। आतंकियों का कैडर लगभग समाप्त हो चुका है।
इससे आतंकी संगठन हताश हैं और अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए षड्यंत्र रच सकते हैं। ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा में छोटी सी चूक भारी पड़ सकती हैं। इसलिए सुरक्षा एजेंसियां कोई चूक नहीं चाहती। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि यात्रा को यथासंभव वाहनों में ही अनुमति दी जाए।
भूस्खलन और आतंकियों का खतरा
ऊधमपुर से आगे राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ जंगल, पहाड़ और नाले हैं। इसके अलावा यह पूरा क्षेत्र आतंकग्रस्त रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन भी जारी है। रामबन से बनिहाल तक के क्षेत्र को अत्यंत संवेदनशील बताया जा रहा है।
बनिहाल में राहुल एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं और बनिहाल से आगे कश्मीर घाटी शुरू होती है। प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा का जो रूट मैप है, उसमें से अधिकांश क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से आज भी रेड जोन माना जाता है। जवाहर सुरंग से लेकर श्रीनगर तक दक्षिण कश्मीर के चार जिले हैं और यह सभी आतंकियों का गढ़ रहे हैं। यात्रा में लोगों की भीड़ होगी और जब सभी पैदल चल रहे होंगे तो आतंकी खतरा बना रहेगा।

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