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    चीन को करारा जवाब, लद्दाख के चुमुर में बनेगी तिब्बतियों की बस्ती; सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन को मिली जमीन

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 04:41 PM (IST)

    लद्दाख के लेह में चुमुर नामक स्थान पर तिब्बती शरणार्थियों के लिए नई बस्ती बनेगी। थिक्से रिनपौचे ने इसके लिए जमीन दान की है। यह कदम चीन के सामने तिब्बतियों की मौजूदगी को मजबूत करेगा। इस भूमि का उपयोग उन तिब्बतियों के पुनर्वास के लिए किया जाएगा जिनके पास लेह में अपने घर नहीं हैं।

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    लद्दाख के चुमुर में चीन के सामने बनेगी तिब्बतियों की बस्ती। फाइल फोटो

    विवेक सिंह, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब चुमुर में तिब्बत से पलायन करने आए लोगों के लिए नई बस्ती बनेगी।

    लद्दाख पर बुरी नजर रखने वाला चीन, लेह के चुमुर इलाके में कई बार शरारतें कर चुका है। अब चुमुर में चीन के सामने तिब्बती लोगों की मौजूदगी क्षेत्र की सुरक्षा को बल देगी।

    लेह में बसे तिब्ब्तियों के पुनर्वास के लिए लेह के थिक्से मठ के थिक्से रिनपौचे ने सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन को 62 कनाल भूमि दी है। चुमुर पूर्वी लद्दाख में चीन से लगती वास्तिवक नियंत्रण रेखा के करीब है।

    दलाई लामा के लद्दाख दौरे के दौरान लेह के चुमुर इलाके में दी गई यह जमीन क्षेत्र में बसे तिब्बतियों के कल्याण के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस भूमि के कागजात नौवें थिक्से रिनपौचे, नवांग जामयांग चंबा स्टेंजिन ने उनसे मिलने पहुंचे सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि सिकयोंग पेंपा सेरिंग को सौंपे।

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    इस भूमि का इस्तेमाल चुमुन में जांगथांग तिब्बत सेटेलमेंट बनाकर ऐसे तिब्बतियों का पुनर्वास किया जाएगा जिनके पास लेह में अपने घर नही हैं। पूर्वी लद्दाख का चुमुर इलाका लेह से करीब तीन सौ किलोमीटर की दूरी पर है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चुमुर से सटा चीन के कब्जे वाला इलाका कभी तिब्बत का हुआ करता था।

    चीन के तिब्बत पर कब्जा करने के बाद वहां पर रहने तिब्बती घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे। इस समय तिब्ब्ती भारत के कई हिस्सों में शरण लिए हुए हैं। लेह में सोनमलिंग तिब्बत सेटेलमेंट में सैकड़ों तिब्बती परिवार शरण लिए हुए हैं।

    समय के साथ तिब्ब्तियों की संख्या में वृद्घि से इस सेटलमेंट में जमीन कम पड़ रही है। सोनमलिंग सेंटलमेंट का संचालन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से संचालित होने वाली सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा किया जा रहा है।

    ऐसे में अतिरिक्त जमीन के कागजात हासिल करने के साथ सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधियों ने थिक्से रिनपौचे के आवास पर बैठक कर तिब्बतियों के कल्याण संबंधी मुद्दों पर भी बातचीत की।

    उन्होंने शनिवार को लेह के चुमुर इलाके का दौरा कर उस जगह का निरीक्षण किया यहां पर आने वाले दिनों में तिब्बतियों के पुनर्वास के लिए निमार्ण कार्य शुरू किया जाएगा। दल के सदस्यों ने चुमुर में रहने वाले लद्दाख के खानाबदोश लोगों के साथ बातचीत भी की।

    सेंट्रल तिब्ब्तन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि सिकयोंग पेंपा सेरिंग थिक्से रिनपोचे द्वारा दान की गई जमीन के लिए औपचारिक रूप से उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस जमीन से लद्दाख में तिब्बती समुदाय को बहुत लाभ होगा।

    इससे तिब्बती, लद्दाखी बौद्ध समुदाय के साथ अन्य समुदायों को भी बल मिलेगा। वहीं थिक्से रिनपोचे ने कहा है कि तिब्बतियों की जरूरत के समय उनकी सहयोग कर नैतिक जिम्मेदारी निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने हमेशा हिमालयी भिक्षुओं का समर्थन किया है।