Anti-encroachment अभियान पर बोले गुलाम नबी आजाद- अपने ही लोगों को बेघर करना, किसी सरकार की नीति नहीं हो सकती
इसी बीच डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने अवैध अतिक्रमण रोधी अभियान में गरीबों को बख्शने के लिए राजभवन से औपचारिक आदेश की मांग की। गुलाम नबी आजाद ने प्रशासन से इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
श्रीनगर, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों से लेकर राजनीतिक दल सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने अवैध अतिक्रमण रोधी अभियान में गरीबों को बख्शने के लिए राजभवन से औपचारिक आदेश की मांग की। गुलाम नबी आजाद ने प्रशासन से इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
शनिवार को गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने राजभवन से इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए आदेश की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा भी की कि उनकी पार्टी बेदखली के खिलाफ अपने प्रस्तावित प्रदेश व्यापी आंदोलन को रोक रही है क्योंकि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि गरीबों को बेदखल नहीं किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद पार्टी ने आंदोलन को रोक दिया है।
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डीएपी ने रोका अतिक्रमण के खिलाफ आंदोलन
डीएपी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने बताया कि प्रशासन की ओर से अतिक्रमण विरोधी कानून पर रोक लगाने और गरीबों को बेदखल न करने का आश्वासन दिया गया है। इस आश्वासन के बाद डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी ने अतिक्रमण के खिलाफ जारी आंदोलन पर रोक लगाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि गरीब लोगों को उनके घरों से नहीं निकाला जाना चाहिए। गरीब दुकानदारों को उनकी दुकानों से बेदखल नहीं किया जाना चाहिए जिससे वे अपनी आजीविका कमाते हैं। जम्मू-कश्मीर एलजी ने भी बयान दिया है कि गरीबों को बख्शा जाएगा। इसलिए, हमने उनके आश्वासन पर अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है।"
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एलजी के बयान का आजाद ने किया स्वागत
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान का स्वागत करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अपने ही लोगों को बेघर करना किसी भी सरकार की नीति नहीं हो सकती है। कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने कहा, "इनमें से ज्यादातर लोग गरीब हैं। लोगों को बेघर करना किसी भी सरकार की नीति नहीं हो सकती है।"
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के परस्पर विरोधी बयानों ने एक भ्रम पैदा किया है। इसलिए, राजभवन को एक औपचारिक आदेश जारी करना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि गरीब लोगों और छोटे दुकानदारों को बेदखल नहीं किया जाएगा।
डीएपी ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि, एक दिन पहले गुलाम नबी आजाद के पार्टी ने सोनवार चौक के पास मुख्य सड़क को जाम कर किया था और विरोध प्रदर्शन किया था। पार्टी के सदस्यों ने अतिक्रमण हटाने के आदेश को वापस लेने की मांग के साथ ही सड़कें जाम की।
इस विरोध प्रदर्शन पर भी गुलाम नबी आजाद ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब से बेदअली का आदेश प्रशासन की ओर से आया है, तब से विरोधी दलों ने प्रदर्शन का ऐलान तो किया, लेकिन सड़कों पर कोई नहीं उतरा। उन्होंने कहा, "मुझे अपनी पार्टी और अपने पार्टी सहयोगियों पर गर्व है कि उन्होंने पूरे जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन किया।"