बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रा जारी, बारिश और भूस्खलन में नहीं रोक पाए श्रद्धालुओं के कदम; अब कैसे हैं हालात?
जम्मू-कश्मीर में श्री अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर बारिश और मलबा गिरने से यात्रा में बाधा आई लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह बना रहा। नौ हजार से अधिक यात्रियों ने अमरेश्वर धाम में दर्शन किए। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए बालटाल व पहलगाम आधार शिविरों से श्रद्धालुओं को आगे जाने की अनुमति नहीं दी।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। Amarnath Yatra 2025: श्री अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर बुधवार से हो रही वर्षा और मलबा गिरने के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।
वर्षा के कारण रास्ते में रोके गए श्रद्धालु सतर्कता का पालन करते हुए जोश के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहे। इस बीच गुरुवार को नौ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान अमरेश्वर धाम में शीश नवाया। हालांकि प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए बालटाल व पहलगाम आधार शिविरों से श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। जम्मू से भी कोई जत्था रवाना नहीं हुआ।
ढाई लाख लोगों ने किए दर्शन
मार्ग की स्थिति सही रही तो शुक्रवार को श्रद्धालुओं को आगे जाने की अनुमति दी जा सकती है। यहां बता दें कि तीन जुलाई से आरंभ हुई यात्रा में मौसम अभी तक मेहरबान रहा है और अब तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। पर बुधवार से आरंभ हुई वर्षा से कुछ बाधा हुई और बालटाल मार्ग पर मलबा गिरने से श्रद्धालुओं को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा।
ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए यात्रा को रोक दिया। श्रद्धालुओं को सेना, सुरक्षा बल, पुलिस ने अभियान चलाकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया और वहां उनके लिए तमाम प्रबंध किए गए। उन्हें विभिन्न शिविरों में ठहराया गया।
एक श्रद्धालु की मौत और तीन घायल
इस बीच, समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार, भूस्खलन से एक महिला श्रद्धालु की मौत और तीन यात्री घायल भी हुए हैं, हालांकि गांदरबल जिला के एसएसपी खलील पोसवाल ने इसकी पुष्टि नहीं की। हल्की वर्षा के बीच बालटाल मार्ग को ठीक करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहा।
मौसम साफ रहा तो शुक्रवार को दोनों मार्गों से यात्रा बहाल कर दी जाएगी। हालांकि मौसम विभाग ने 23 जुलाई तक हल्की से भारी वर्षा की चेतावनी दी है। श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पिछले 36 घंटों से भी अधिक समय से रुक-रुक कर तो कभी तेज वर्षा का सिलसिला जारी है।
बुधवार शाम को वर्षा के बीच यात्रा जारी थी। तभी शाम करीब 7:15 बजे बालटाल से करीब ढाई किलोमीटर दूर रेलपथरी और बरारिमार्ग के बीच जेड मोड़ क्षेत्र के पास मलबा आ गया।
सेना रख रही श्रद्धालुओं का ख्याल
भूस्खलन की जानकारी मिलते ही बरारिमार्ग में तैनात सेना की टुकड़ी ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सेना के कंपनी कमांडर पूरे अभियान के दौरान मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालु स्वस्थ हैं और यात्रा शिविरों में ठहरे हुए हैं।
वहीं, गुरुवार को भी बालटाल यात्रा मार्ग पर रेलपथरी और बरारिमार्ग के आसपास हल्की बारिश होती रही। कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार विदूड़ी ने कहा कि श्री अमरनाथ यात्रा को गुरुवार पहलगाम और बालटाल दोनों बेस कैंप से स्थगित रखा गया।
पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण दोनों मार्गों की मरम्मत का कार्य जारी है। हालांकि, जो यात्री पंजतरणी कैंप में रुके थे, उन्हें बीआरओ और माउंटेन रेस्क्यू टीमों की पर्याप्त तैनाती के साथ बालटाल की ओर जाने की अनुमति दी जा रही है। उम्मीद है कि मौसम साफ रहने पर यात्रा शुक्रवार को बहाल कर दी जाएगी।
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