श्रीनगर के निजी अस्पताल में युवक की मौत, ऑपरेशन के दौरान बिगड़ी थी हाल; सऊदी अरब से हज करके लौटा था मृतक
श्रीनगर (Srinagar Latest News) के एक निजी अस्पताल में सर्जरी के दौरान युवक की मौत पर परिजनों ने हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। निजी अस्पताल में युवक की सर्जरी के दौरान मौत होने पर स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि युवक की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। परिवार ने स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू और श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट से अपील की कि इस मामले पर कड़ा संज्ञान लें।
बता दें कि हाल ही में युवक सऊदी अरब से हज करके लौटा था। वह टूर और ट्रैवल व्यवसाय चलाता था। वसीम नबी पठान निवासी बिलाल कॉलोनी पांपोर ने चंद दिन पहले पेट दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उसके स्वजन उसे श्रीनगर के निजी अस्पताल पारस ले गए। डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि वसीम की छोटी आंत में सिस्ट है, जिसका ऑपरेशन करना पड़ेगा।
वसीम के चचेरे भाई शेख आमिर ने कहा कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए ढाई लाख रुपये मांगे जिसे अदा किया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. जरूर अहमद नामक सर्जन ने वसीम का ऑपरेशन किया। कुछ दिन बाद वसीम को अस्पताल से भेज दिया गया। दो दिन बाद उसने फिर से पेट में दर्द कि शिकायत की। उसे फिर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी एक और छोटी आंत में सिस्ट है, जिसका फिर से ऑपरेशन करना पड़ेगा और उस पर ढाई लाख का खर्चा आएगा।
आमिर के अनुसार उन्होंने फिर से ढाई लाख का बंदोबस्त कर अस्पताल प्रशासन के हवाले किए। शनिवार सुबह वसीम को ऑपरेशन के लिए दोबारा थियेटर में शिफ्ट किया गया। आमिर के अनुसार डॉ. रियाज जिसने वसीम का पहला ऑपरेशन किया था, अस्पताल में मौजूद नहीं था। वह फोन पर दूसरे डॉक्टरों को वसीम की सर्जरी संबंधित हिदायत दे रहा था। वसीम को तीन घंटे तक ऑपरेशन थियेटर में रखा गया। इसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों को उसके निधन की खबर दी।
यह सुनते परिवार के सदस्यों के पैरों तले जमीन निकल गई। उन्होंने अस्पताल में जबरदस्त प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही वसीम के मौत का सबब बनी। दर्जनों रिश्तेदार और स्थानीय लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। अस्पताल प्रशासन से बात करने की कोशिश की लेकिन बार बार संपर्क करने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया। परिवार के एक सदस्य ने कहा, प्रशासन से कोई भी हमारे पास नहीं आया। वे लोग छिप गए हैं।

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