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    जम्मू-कश्मीर में शिक्षकों के 8300 पदों पर जल्द होगी भर्ती, शिक्षा मंत्री का बड़ा एलान

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 09:43 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। सरकार फ्रीज किए गए 50% पदों को डी-फ्रीज करने पर विचार कर रही है। शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। विभाग में रिक्त पड़े प्रधानाचार्यों और प्राध्यापकों के पदों को भी जल्द भरने की तैयारी है। पदोन्नति प्रक्रिया 31 जुलाई 2025 तक पूरी होगी।

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    शिक्षा विभाग में भर्ती को लेकर शिक्षामंत्री का बड़ा एलान। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश में शिक्षा विभाग में जल्द ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश सरकार अध्यापकों के सात वर्ष पहले फ्रीज किए गए पदों में से 50 प्रतिशत को डी-फ्रीज करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

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    उल्लेखनीय है पांच अगस्त 2019 से पहले तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में जीएलटी के 6576 पदों पर 2030 तक रोक लगा दी गई थी।

    प्रदेश प्रशासनिक परिषद ने यह निर्णय रहबर-ए-तालीम और समग्र शिक्षा योजना के तहत नियुक्त शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने व उनके वेतन की निकासी के लिए लिया था। जम्मू-कश्मीर में अध्यापकों की नियमित भर्ती अंतिम बार 2017 में हुई थी।

    जम्मू के 10 जिलों में 1665 पद रिक्त

    उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अध्यापक, प्रधानाध्यापक, लेक्चरार और प्रधानाचार्य के 8300 से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। जम्मू संभाग के दस जिलों में अध्यापकों के कम से कम 1,665 पद रिक्त हैं। पूर्ववर्ती डोडा क्षेत्र (डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिले) में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है।

    डोडा क्षेत्र में अकेले मास्टर ग्रेड के अध्यापकों के लगभग 600 पद रिक्त हैं। जम्मू क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में 2,218 लेक्चरारो के पद और 402 प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। राजौरी और डोडा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां प्रत्येक में 300 से अधिक लेक्चरारों की कमी है।

    संबधित अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने गत दिनों शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए जीएलटी के रोके गए 6576 पदों में 3288 पदों को भर्ती के लिए खोलने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया है।

    उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में प्रदेश प्रशासनिक परिषद के निर्णय के मुताबिक रहबर ए तालीम के अध्यापकों के पदों को सम्माहित करने से उपजे हालात और जनरल लाइन टीचर्स की कमी पर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि रोके गए पदों में से 50 प्रतिशत को डी-फ्रीज कर, उनके लिए जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरु करने के लिए जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड को सूचित किया जाए।

    बैठक में शिक्षा विभाग में जिला प्रमुख शिक्षाधिकारी, क्षेत्रीय शिक्षाधिकारी और विभिन्न सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के पदों का भी जल्द भरने के लिए विभिन्न स्तरों पर रिक्तियों को भरने के संबंध में, शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि रिक्त पदों, विशेष रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, क्षेत्रीय कार्यकारी अधिकारियों, प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के पदों को जल्द भरने के लिए विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने के लिए जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग को सूचित किया जाए।

    पदोन्नति कोटे से भी अगर किसी अधिकारी को राजपत्रित पद पर पदोन्नत किया जाता है तो भी जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग को संबंधित विभाग में रिक्त पड़े राजपत्रित कैडर के पदों के लिए सूचित करना जरूरी है।

    लोक सेवा आयोग डीपीसी के माध्यम से चुने गए उम्मीदवारों के चयन को आवश्यक औपचारिकताओं के बाद अपनी मंजूरी देता है। बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक, विभाग में पदोन्नति कोटे से भरे जाने वाले सभी पदों के लिए चयन प्रक्रिया 31 जुलाई 2025 तक पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

    उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिला साक्षरता दर बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा हुई और इस दौरान जम्मू व कश्मीर प्रांत के शिक्षा निदेशकों को

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