कश्मीर के शोपियां में मिले 700 वर्ष पुराने शिव मंदिर के अवशेष, चट्टान पर शिवलिंग की आकृतियां पाई गईं
शोपियां कश्मीर में 700 साल पुराने शिव मंदिर के अवशेष मिले हैं। पीरपंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित हीरपोरा में मिले इस मंदिर में पहाड़ी को काटकर बनाए गए शिवलिंग की आकृतियां भी पाई गई हैं। जिला प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी दी है और संरक्षण में सहयोग मांगा है। इस खोज से कश्मीर और सनातन संस्कृति के सदियों पुराने संबंध की पुष्टि होती है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में पीरपंजाल पर्वत शृंखला के बीच स्थित शोपियां जिले के हीरपोरा में एक प्राचीन शिवमंदिर के अवशेष और पहाड़ी काटकर बनाए गए शिवलिंग की आकृतियां मिली हैं। यह मंदिर सात सौ वर्ष पुराना बताया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को इसके बारे में सूचित करते हुए इस ऐतिहासिक धार्मिक धरोहर के बारे में पूरी जानकारी जुटाने और इसके संरक्षण में सहयोग के लिए कहा है। राजौरी-पुंछ की तरफ से पीर पंजाल पर्वत शृंखला पार कर कश्मीर में दाखिल होते ही हीरपोरा शोपियां का पहला गांव है।
भगवान शिव को समर्पित हैं शिवलिंग में मिली आकृतियां
मुगल रोड पर स्थित हीरपोरा अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ट्रैकरों और प्रकृति प्रेमियों को शुरू से ही आकर्षित करता रहा है। हीरपोरा वन सेंचुरी में मारखोर व अन्य कई संरक्षित वन्यजीव भी हैं।
मारखोर जंगली बकरे की प्रजाति का पशु है। समाजसेवी और ट्रैकर एजाज हुसैन ने बताया कि जिस जगह यह मंदिर के अवशेष और भगवान शिव को समर्पित शिवलिंग की आकृतियां मिली हैं, वह मुगल रोड से करीब तीन किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर एक जंगल के भीतर है।
शिवलिंग की जो आकृतियां हैं वह एक बड़ी चट्टान के बीच बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों कुछ स्थानीय युवक ट्रैकिंग के लिए इस इलाके में गए थे, उनके साथ कुछ इतिहास के छात्र भी थे। उन्होंने इसका पता लगाया है।
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पीरंजाल की पहाड़ियों में मौजूद है शिव मंदिर
इस जगह तक सिर्फ पैदल ही पहुंचा जा सकता है। कश्मीर मामलों के जानकार डॉ. अजय च्रंगू ने कहा कि शोपियां के पीरंजाल की पहाड़ियों के बीच स्थित हीरपोरा में एक प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष और शिवलिंग की आकृतियां मिलना कश्मीर और सनातन संस्कृति के सदियों पुराने संबंध की पुष्टि करता है। अगर आप पूरे जम्मू कश्मीर में भगवान शिव को समर्पित मंदिरों का आकलन करें।
इतिहास को खंगालें तो पता चलेगा कि पुंछ से लेकर श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा और पवित्र गुफा से कंगन, बांडीपोरा बारामुला के पहाड़ों तक भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित कई प्राचीन मंदिरों का पता चलेगा।
शोपियां का कश्मीर शैवदर्शन में शुरु से ही बहुत महत्व रहा है। इस मंदिर का संरक्षण और अध्ययन होना चाहिए। इस क्षेत्र में खोदाई भी कराई जानी चाहिए।
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