अनुच्छेद 370 हटने के 6 साल: JK का फिर होगा विभाजन, मिलेगा अलग राज्य का दर्जा; सुरक्षा बढ़ते ही फुस-फुसाने लगे लोग
अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की वर्षगांठ से पहले जम्मू-कश्मीर में विभाजन की अफवाहों का बाजार गर्म है। उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांत रहने की अपील की है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। अफवाहों के कारण लोगों में उत्तेजना है। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मोदी सरकार अपने पत्ते छुपाकर रखती है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छह वर्ष पूरे होने के एक दिन पहले सोमवार को लखनपुर से लेकर कुपवाड़ा तक जम्मू-कश्मीर के एक और विभाजन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहा।
जहां देखो वहीं लोग पूछते नजर आए कि पांच अगस्त 2025, मंगलवार को जम्मू कश्मीर का फिर विभाजन होगा और जम्मू को एक अलग राज्य का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन कश्मीर केंद्रित प्रदेश रहेगा।
सीएन उमर ने की लोगों से अपील
इन अफवाहों को उस समय और भी बल मिला, जब प्रशासन ने एहतियात के तौर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई।
स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी इस स्थिति पर लोगों को शांत रहने की अपील करते हुए अपने एक्स हैंडल पर बताना पड़ा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है।
मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा कि कल कुछ नहीं होगा। सौभाग्य से कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा।
दिनभर अफवाहों का बाजार गर्म
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के लिए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को संसद में लाया था। इसके आधार पर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया।
जम्मू कश्मीर में सभी केंद्रीय कानून लागू हो गए। जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का यकीन दिलाया गया है,लकिन अभी यह मिला नहीं है। इस बीच, आज पूरे प्रदेश में अफवाहें चल पड़ी कि पांच अगस्त 2025 मंगलवार केा जब जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के छह वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, जम्मू कश्मीर का एक बार फिर विभाजन होगा और इस बार जम्मू को एक अलग पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएग। कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश ही रहने दिया जाएगा।
अपने पत्ते छुपाकर रखती है मोदी सरकार
अफवाहों से लोगों में फैल रही उत्तेजना को देखते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व महानिदेशक एसपी वैद नेअपने एक्स हैंडल पर लिखा मोदी सरकार पांच अगस्त को कुछ योजना बना रही है? हो सकता है। हो सकता है न हो।
मोदी सरकार अपने पत्ते छुपाकर रखने के लिए जानी जाती है, यानी अगर कुछ होता भी है तो कोई नहीं जानता कि आगे क्या होने वाला है। आइए, अफवाहों या घबराहट में फैलाए गए फारवर्ड पर ध्यान न दें। केवल आधिकारिक सूत्रों पर ही भरोसा करें। शांत रहें, सतर्क रहें। जय हिंद। इससे स्थिति शांत होने के बजाय अफवाहों ने और जेार पकड़ लिया।
काफी अटकलें लगाई जा रही हैं
चिनार कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने भी अपने एक्स हैंडल पर लोगों को किसी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील करते लिए लिखाकल (5 अगस्त) क्या घोषणा की जाएगी, इस बारे में काफ़ी अटकलें लगाई जा रही हैं।कश्मीर में शांति सुरक्षा बलों और निर्दोष नागरिकों की जान की बड़ी क़ीमत पर आई है।
स्थिति अभी भी नाजुक है और पहलगाम आतंकी हमले से इसका पता भी चलता है। कश्मीर में शांति यात्रा में अपने प्राणों की आहुति देने वालों और उन लोगों के लिए, जिनके जीवन पर इस पर किसी भी फ़ैसले का असर पड़ेगा, हमें जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेना चाहिए।
कल कुछ नहीं होगा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफवाहों पर विराम लगाने और लाेगों में फैली उत्तेजना को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि मैंने कल जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है, इस बारे में हर संभव संभावना और आशंका को सुन लिया है, इसलिए मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा कि कल कुछ नहीं होगा। सौभाग्य से कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा।
मैं अभी भी संसद के इस मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने को लेकर आशावादी हूं लेकिन कल नहीं। और नहीं, मैंने दिल्ली में लोगों से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं की है। यह बस एक आंतरिक भावना है। देखते हैं कल क्या होता है।
इस बीच, एजाज अहमद नामक एक युवक ने कहा कि यहां हम सभी जानते हैं कि कश्मीर अफवाहेंं तेजी से फैलती हैं और जिस तरह के हालात हैं, उसमें ऐसी अफवाहों को नकार भी नहीं सकते।
जब पूर्व पुलिस महानिदेशक जैसे समझदार लोग इंटरनेट मीडिया पर अफवाहों का स्पष्ट खंडन के करने के बजाय यह लिखते हैं कि मोदी सरकार अपने पत्ते अंत तक नहीं खोलती तो लोगों में कहीं कहीं अफवाहों के सच होने का भ्रम पैदा होता है।
रमीज अहमद नामक एक युवक ने कहा कि शायद यह अफवाह न फैलती अगर आज शाम को कई जगह सुरक्षाबलो की तैनाती में अन्य दिनो की अपेक्षा बढ़ौत्तरी देखी गई।
प्रशासन ने यह पांच अगस्त के मदृदेनजर एहतियात के तौर पर की होगी, लेकिन लोगों को ध्यान आया कि पांच अगस्त 2019 को जब यहां अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो उससे पहले भी यहां अचानक ऐसा ही हुआ था। खैर, अब ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है।
इस बीच, एक सुरक्षा अधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले के लिए, अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के छह वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में शरारती और राष्ट्रविरोधी तत्व कोई गड़बड़ी कर सकते हैं।
इसके अलावा काग्रेस और कुछ अन्य दलों ने भी मंगलवार को प्रदर्शनों की येाजना बनाई है। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कुछ ही इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई है।
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