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    जम्मू-कश्मीर में बनेंगे 4000 नए बंकर, आपदा प्रबंधन विभाग करेगा सर्वे; मौजूदा बंकरों की भी होगी मरम्मत

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 02:07 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों में लगभग चार हजार निजी बंकर और बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सर्वे करने और रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव को अंतिम रूप देते हुए उसे वित्तीय अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मौजूदा बंकरों की मरम्मत भी की जाएगी और सीमांत युवकों को आपात परिस्थितियों में बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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    सीमांत क्षेत्रों में बनेंगे चार हजार निजी बंकर।

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों में लगभग चार हजार और निजी बंकर बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग को सर्वे करने और रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव को अंतिम रूप देते हुए उसे वित्तीय अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा मौजूदा बंकरों की मरम्मत भी की जाएगी।

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    साथ ही सीमांत युवकों को आपात परिस्थितियों में बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पिछले 10 वर्ष में जम्मू-कश्मीर के सीमांत वासियों के लिए लगभग 30 हजार बंकर बनाए गए हैं। इनमें से करीब 9500 बंकर सांबा, जम्मू, कठुआ, पुंछ और राजौरी में हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सात से 10 मई के बीच पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक ठिकानों पर भारी गोलाबारी की थी।

    इसमें 19 लोगों की मौत और कई जख्मी हुए थे। हालांकि, अब सीमांत इलाकों में स्थिति शांत है, लेकिन बंकर निर्माण की मांग जोर पकड़ने लगी है। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को सीमांत इलाकों में बंकरों के संदर्भ में आवश्यक सर्वे का जिम्मा सौंपा है।

    कहां कितने बनेंगे बंकर

    सूत्रों के अनुसार, शुरुआती आकलन के आधार पर लगभग चार हजार नए बंकर बनाए जाने का प्रस्ताव हैं। इनमें से लगभग 3400 निजी बंकर होंगे, जबकि 600 अन्य सामुदायिक बंकर होंगे। जिला कठुआ और जिला सांबा के सीमावर्ती इलाकों में लगभग एक हजार निजी बंकर बनाए जाएंगे, जबकि शेष 2400 निजी बंकरों में से 1500 बंकर बारामुला के उड़ी, बांडीपोरा के गुरेज और कुपवाड़ा के करना-टंगडार में बनाए जाएंगे। राजौरी व पुंछ में लगभग 900 निजी बंकर बनाए जाएंगे। अंतिम संख्या सर्वे रिपोर्ट के आधार पर तय होगी।

    डिजाइन की भी होगी समीक्षा

    सूत्रों ने बताया कि मौजूदा बंकरों के डिजाइन की भी समीक्षा की जाएगी और इस बात को सुनिश्चित बनाया जाएगा कि नए बंकरों में बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की दिक्कत न हो। कई मौजूदा बंकरों में पेयजल आपूर्ति का कोई साधन नहीं है और उनमें शरण लेने वालों को पानी के लिए 200 से 300 मीटर की दूरी तक जाना पड़ता है।

    शाह ने दिया था आश्वासन

    हाल में जम्मू व पुंछ दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीमांत क्षेत्रों में नये बंकर बनाए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी नए बंकरों के निर्माण का यकीन दिला चुके हैं।