कश्मीर में अशोक चिह्न का अपमान करने के मामले में 26 लोग हिरासत में, राष्ट्रीय प्रतीक पर कई बार मारे गए पत्थर
श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न को तोड़ने की घटना पर पुलिस ने गंभीरता से कार्रवाई की है। अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है जिसमें गैर जमानती धाराएं भी शामिल हैं। पुलिस ने 26 लोगों को हिरासत में लिया है। इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। हजरतबल दरगाह में लगे शिलापट पर अंकित राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न को तोड़ने की घटना को पुलिस प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।
अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान, धार्मिक समारोह में जानबूझकर अशांति फैलाने और हथियारों से चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की जो धाराएं लगाई हैं, उनमें गैर जमानती और दोष साबित होने पर छह माह से लेकर तीन साल तक के कारावास का प्रविधान भी है।
26 लोग हिरासत में लिए गए
वहीं सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में 26 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह घटना कश्मीर में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं ने दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक को लगाने की आलोचना की है।
उन्होंने अपमान में लिप्त लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है। जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने इसे आतंकी घटना के समान बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करने वालों पर पीएसए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वह भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि हंगामा करने वाले एक सियासी दल के गुंडे हैं।
उपद्रवियों ने पत्थर से प्रहार कर राष्ट्रीय प्रतीक को तोड़ा
हजरतबल दरगाह का हाल ही में सुंदरीकरण कार्य संपन्न हुआ था। तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने इसे जनता को समर्पित किया था। परिसर में लगे शिलापट पर प्रतीक चिह्न उकेरा गया था।
शुक्रवार को नमाज-ए-जुमा के बाद विवाद खड़ा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उपद्रवियों ने शिलापट को पत्थर मार कर तोड़ दिया।
सीसीटीवी व वीडियो फुटेज खंगाल रही पुलिस
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि हंगामे के संदर्भ में नगीन पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 300, 352, 191 (2), 324 (4), 196, 61 (2) और धारा दो के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर संख्या 76/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। दरगाह परिसर में लगे सीसीटीवी व इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो की भी जांच की जा रही है।
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