कुलगाम मुठभेड़ : कुलगाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी
Jammu Kashmir Encounter गत बुधवार देर शाम 10.40 बजे पुलिस को कुलगाम के रेडवानी इलाके में दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही एसओजी के जवान सेना व सीआरपीएफ के दल के साथ इलाके में पहुंचे और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : Jammu Kashmir Encounter: दक्षिण कश्मीर के रेडवनी, कुलगाम में लगभग नौ घंटे की मुठभेड़ में वीरवार को द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ के दो स्थानीय आतंकी मारे गए। मुठभेड़ के दौरान आतंकी ठिकाना बना मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। प्रशासन ने मुठभेड़ के बाद उपजे तनाव को देखते हुए कुलगाम व उसके साथ सटे इलाकों में दोपहर बाद इंटरनेट सेवाओं को भी बंद रखा। टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वाड भी कहा जाता है। कुलगाम से मिली जानकारी के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड टीआरएफ के दो आतंकी अपने किसी संपर्क सूत्र से मिलने रेडवनी में आए थे।
बुधवार की रात 10.15 बजे पुलिस को इसका पता चला। अगले चंद ही मिनट में पुलिस ने सेना व सीआरपीएफ के जवानों ने गांव की घेराबंदी करते हुए तलाशी शुरू कर दी। जवानों को अपने ठिकाने की तरफ आते देख आतंकियों ने उन पर गोली चला भागने का प्रयास किया। जवानों ने खुद को बचाते हुए उनके मंसूबे को नाकाम बना दिया। उन्होंने आतंकियों को चारों तरफ से घेरते हुए उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा। आतंकियों ने आत्मसमर्पण की हर अपील ठुकराई। आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के बजाय गोलियां दागते देख जवानों ने भी अंतत: जवाबी कार्रवाई की और दोनों को मार गिराया। मुठभेड़ आज सुबह सात बजे के करीब समाप्त हुई।
मारे गए आतंकियों की पहचान आमिर बशीर डार उर्फ दानिश और आदिल युसुफ शान के रूप में हुई है। आमिर कुलगाम के कुज्जर और आदिल सुरसनू गांव का रहने वाला था। उनके पास से दो पिस्तौल व अन्य साजो सामान मिला है। यह दोनों सी श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध थे। मुठभेड़ के दाैरान आतकी ठिकाना बना मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस बीच, मुठभेड़ में दो स्थानीय आतंकियों के मारे जाने की खबर के साथ ही कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में तनाव पैदा हो गया। स्थिति की गंभीरत को देखते हुए प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने व अफवाहों को राेकने के लिए कुलगाम के विभिन्न हिस्सों में दोपहर बाद तक इंटरनेट सेवा को बंद रखा।
इस बीच, आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि रेडवनी में छिपे टीआरएफ के दोनों आतंकियों को सरेंडर का पूरा मौका दिया गया। इसलिए इस पूरे अभियान में समय लगा। मुठभेड़ के दौरान आम नागरिकों को किसी प्रकार का नुक्सान न पहुंचे, इसके लिएहमारे जवानाेंं अपनी जान की परवाह किए बगैर मुठभेड़स्थल से कई लोगों को सुरक्षित जगह पर भी पहुंचाया।हमारा प्रयास था कि दोनाेंं जिंदा पकड़े जाएं ताकि उन्हें उनकी जिंदगी नए सिरे से शुरु करने का एक अवसर मिले। आइजीपी ने कहा कि यह दोनों आतंकी कुछ समय पहले ही सक्रिय हुए थे और पंच-सरपंचों के साथ मारपीट, उन्हें धमकाने, सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमलों की विभिन्न वारदातों में पुलिस को वांछित थे।

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