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    राजौरी में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, दो शिक्षक सस्पेंड, कइयों की सैलरी रोक

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 03:59 PM (IST)

    राजौरी में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 34 स्कूलों में मिड-डे मील मेन्यू का उल्लंघन पाया और 11 स्कूलों का शैक्षणिक प्रदर्शन कमजोर मिला। दो शिक्षक निलंबित क ...और पढ़ें

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    राजौरी में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, दो शिक्षक सस्पेंड, कइयों की सैलरी रोक (File Photo)

    जागरण संवाददाता, राजौरी। मुख्य शिक्षा अधिकारी मुहम्मद हाफिज ने शुक्रवार को 34 सरकारी स्कूलों को मिड-डे मील मेन्यू का उल्लंघन करते पाया है। 11 स्कूलों का कमजोर शैक्षणिक प्रदर्शन देखा गया है।

    वहीं दो गैर हाजिर शिक्षक निलंबित किए और अलग-अलग मामलों में कई का वेतन भी रोक दिया है। बता दें कि मिड-डे मील की गुणवत्ता, शैक्षणिक प्रदर्शन और स्कूलों की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की थी।

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    मेन्यू के अनुसार नहीं परोसा जा रहा मिड-डे मील

    शुक्रवार को टीम ने जिले भर के दो सौ स्कूलों का व्यापक औचक निरीक्षण किया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि जिले के 34 स्कूलों में निर्धारित मेन्यू के अनुसार मिड-डे मील परोसा नहीं जा रहा। वहीं 11 स्कूलों में शैक्षणिक प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया। इन 11 में से सात स्कूल ऐसे थे, जहां मिड-डे मील मेन्यू का पालन नहीं किया गया, जबकि दो स्कूलों में भोजन बनाया ही नहीं गया।

    जांच में सामने आया कि प्राथमिक स्कूल धारा पठाना और प्राथमिक स्कूल नमब्ले कल्याण जोन थन्ना मंडी के दो शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज करने के बाद बिना किसी सूचना के स्कूल से घर चले गए। सीइओ मुहम्मद हाफिज ने तुरंत कार्रवाई की। दोनों शिक्षकों फरनाज कौसर पीएस धारा पठाना और मुहम्मद अल्ताफ पीएस नमब्ले कल्याण को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

    निलंबन अवधि के दौरान उन्हें क्रमश

    हाई स्कूल लोअर भंगाई और हाई स्कूल कल्लर में अटैच किया है। इसी क्रम में कमजोर शैक्षणिक प्रदर्शन वाले 11 स्कूलों के सभी मास्टर्स और शिक्षकों की दिसंबर माह की सैलरी रोक दी गई है। यह सैलरी तभी जारी की जाएगी, जब इन स्कूलों में शैक्षणिक सुधार और मिड-डे मील क्रियान्वयन में ठोस प्रगति दर्शाई जाएगी।

    इसके अलावा मिड-डे मील मेन्यू का पालन न करने वाले 34 स्कूलों के सभी शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे दो दिनों के भीतर अपने-अपने डीडीओ के माध्यम से लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।

    निर्धारित समय में जवाब न मिलने की स्थिति में माना जाएगा कि उन्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना। ।सीईओ ने स्पष्ट किया कि छात्रों के पोषण, सुरक्षा और शिक्षा से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में भी ऐसी लापरवाही पर विभाग कड़े कदम उठाता रहेगा।