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    Jammu Kashmir Election 2024: राजौरी-पुंछ में मामा-भांजे और चाचा-भतीजे में सियासी जंग, 25 सितंबर को होना है मतदान

    Updated: Wed, 28 Aug 2024 11:59 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर रोचक सियासी जंग देखने को मिल रही है। राजौरी जिले की दो सीटें ऐसी हैं जिन पर मामा-भांजे और चाचा भतीजे के बीच सीधा मुकाबला है। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर दूसरे चरण के लिए वोटिंग 25 सितंबर तो तीसरे चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा।

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    राजौरी-पुंछ में देखने को मिलेगा दिलचस्प सियासी जंग (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, राजौरी। राजौरी व पुंछ दोनों जिलों की आठ विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में 25 सितंबर को मतदान होना है। इनमें से भाजपा ने छह उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। राजौरी व नौशहरा सीट के लिए भी नाम जल्द सामने आ जाएंगे।

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    दोनों जिलों की पांच सीटों पर नेकां ने प्रत्याशी उतार दिए हैं तो कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम सामने आना बाकी है। इसमें राजौरी जिले की दो सीटें ऐसी हैं जिन पर मामा-भांजे और चाचा भतीजे के बीच सीधी सियासी जंग है।

    राजौरी व नौशहरा सीट पर भाजपा ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं, जबकि नेकां ने नौशहरा से सुरेंद्र चौधरी को टिकट दिया है। राजौरी सीट पर कांग्रेस अपना प्रत्याशी उतारेगी।

    बुद्धल (आरक्षित): इस सीट से हाल ही में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए चौधरी जुल्फिकार अली को टिकट दिया है। जुल्फिकार 2008 व 2014 में पीडीपी के टिकट पर जीते चुके हैं, लेकिन तब उनका विधानसभा क्षेत्र दरहाल था।

    परिसीमन में दरहाल सीट के अधिकतर क्षेत्र को नए बने थन्नामंडी विधानसभा क्षेत्र से जोड़ दिया गया। बुद्धल विधानसभा क्षेत्र के साथ कालाकोट सीट के के कुछ हिस्से जोड़कर नई सीट बनाई गई। अब इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला अपने भांजे एवं नेकां उम्मीदवार जावेद इकबाल चौधरी से होगा।

    थन्ना मंडी: इस सीट पर भाजपा ने दरहाल के डीडीसी सदस्य एवं पूर्व डीसी इकबाल मलिक को उतारा है। इकबाल दो बार कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों बार हारे। यहां पर इनका मुकाबला कांग्रेस से टिकट मिलने पर शब्बीर अहमद खान से तय माना जा रहा है।

    कालाकोट-सुंदरबनी सीट: भाजपा ने ठाकुर रणधीर सिंह को टिकट दिया है तो वहीं नेकां ने यशोवर्धन सिंह को उतारा है। वह रणधीर सिंह के सगे भतीजे हैं। रणधीर लंबे समय तक नेकां से जुड़े रहे। कुछ वर्ष पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं।

    इस सीट पर नेकां का दबदबा रहा है। 2014 में इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार अब्दुल गनी कोहली ने नेकां के उम्मीदवार ठाकुर रछपाल सिंह को हराया है।

    पुंछ-हवेली: भाजपा ने तीन दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए चौधरी अब्दुल गनी को टिकट दिया है। गनी इससे पहले कांग्रेस में थे और पुंछ से डीडीसी के सदस्य भी हैं। इनकी बेटी डीडीसी चेयरमैन हैं। वह 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इस बार इनका मुकाबला नेकां के एजाज जान से है।

    सुरनकोट: इस सीट से भाजपा ने मुश्ताक बुखारी को उम्मीदवार घोषित किया है। मुश्ताक पहाड़ी नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वह दो बार सुरनकोट से नेकां के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।

    नेकां ने इन्हें पहाड़ी सलाहकार बोर्ड का उपसभापति भी बनाया था, लेकिन पहाड़ियों को एसटी की दर्जे की मांग को लेकर इन्होंने 2022 में नेकां का साथ छोड़ दिया था।

    वह इसी वर्ष फरवरी में भाजपा में शामिल हो गए थे। नेकां से गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को मिली है। इस सीट से शाहनवाज को उतार सकती है।

    मेंढर सीट: भाजपा ने चंद रोज पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व एमएलसी व वरिष्ठ मुर्तजा अहमद खान को टिकट दिया है। मुर्तजा पीडीपी के संस्थापक सदस्य रहे हैं।

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