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    जम्मू कश्मीर के इस गांव में आजादी के बाद पहुंची बिजली

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 05 Jul 2018 05:41 PM (IST)

    जैसे ही प्रशासन ने गांव में सड़क बनाकर तैयार की तो उसी समय सरकार ने गांव में बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया।

    जम्मू कश्मीर के इस गांव में आजादी के बाद पहुंची बिजली

    राजौरी, जेएनएन। जम्मू कश्मीर के राजारी में एक ऐसा गांव है, जहां आजादी के बाद अब बिजली पहुंची है। इन गांवों को रोशन करने के लिए तार बिछाने के साथ-साथ ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य शुरू किया जा चुका है। 

    जानकारी के मुताबिक, आजादी के बाद पिछले कई दशकों से नारला भंबल क्षेत्र के लोग बिजली को तरस रहे थे। स्थानीय लोग अपने घरों को रोशन करने के लिए केरोसिन के दीए व लकड़ी को जला कर रोशनी करते थे। क्षेत्र के किसी भी घर में टीवी नहीं थी। लोग मोबाइल को चार्ज करने के लिए भी दूसरे क्षेत्रों का रुख करते थे। क्षेत्र में बिजली न पहुंचने का सबसे बड़ा कारण था कि नारला भंबल गांव में सड़क की सुविधा नहीं थी। जैसे ही प्रशासन ने गांव में सड़क बनाकर तैयार की तो उसी समय सरकार ने गांव में बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया और अब पूरे क्षेत्र को रोशन कर दिया गया है। इसके लिए विभाग ने लाइन बिछाने के साथ-साथ तीन ट्रांसफार्मर भी लगाए हैं, जिससे अब पूरा गांव रोशन हो गया है।

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    इस गांव के रोशन होने से लगभग सात सौ से अधिक परिवारों को लाभ मिला है और लोग अपने घरों में बिजली की फिटिंग का कार्य कर रहे है। गांव निवासी जगदेव सिंह, अब्दुल रहमान, मुहम्मद शकील आदि का कहना है कि हम लोगों के घरों में आजादी बिजली नहीं पहुंच पाई थी। अब नारला भंबल पंचायत की 9 वार्ड बिजली से रोशन हो रही है। इन लोगों का कहना है कि जिला आयुक्त डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी के प्रयासों से हम लोगों के घरों में बिजली पहुंची है। बिजली के पहुंचने से क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी का माहौल बना हुआ है।

    जल्द रोशन होंगे और 676 घर
    जिले के चार गांवों की तीस बस्तियां ऐसी हैं, जो आज तक रोशन नहीं हो पाई है और इन गांवों में 676 परिवार रह रहे हैं। जिन्होंने आज तक बिजली का बल्ब भी नहीं देखा है। इन गांवों को रोशन करने के लिए तार को बिछाने के साथ साथ ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य शुरू किया जा चुका है। यह कार्य जल्द ही खत्म हो जाएगा और इसके साथ ही यह गांव रोशन होंगे।

    केरी खब्बास, गुंदा खब्बास, बेला खब्बास, नारला भंवल व देरी इन चार गांवों की तीस बस्तियों में 676 परिवार रहे है, जिन्हें आजादी के बाद आज तक बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई थी। पिछले काफी समय से यह लोग बार बार बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपने घरों को रोशन करने की गुहार लगा चुके है, लेकिन बिजली विभाग इन क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए पूरी तरह से विफल साबित हो चुका है।

    इसके बाद जब यह मामला जिला आयुक्त डाक्टर शाहिद इकबाल चौधरी की नजरों में आया तो उन्होंने उसी समय अधिकारियों की बैठक बुलाई और आदिवासी योजना के तहत इन क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए 4.14 करोड़ रुपये मंजूर किए और इसके बाद कार्य शुरू कर दिया गया। इसके बाद 16 किलोमीटर से अधिक तार को बिछाया जा चुका है। इसके अलावा 63केवी के सात ट्रांसफार्मर व 25 केवी के 9 ट्रांसफार्मर भी लगाए जाने है। जिनमें से 63केवी के छह ट्रांसफार्मर लगा दिए गए है, जबकि अन्य को लगाने का कार्य किया जा रहा है।

    इस संबंध में बात करने पर जिला आयुक्त डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी का कहना है कि जल्द ही तीस बस्तियों के 676 घरों में बिजली की सप्लाई पहुंच जाएगी। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है और इस समय यह कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। 

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