पुंछ के धंसते कालाबन गांव को हर संभव सहायता देंगे सीएम उमर, पीड़ितों को 38 लाख रुपये तत्काल राशि की दी मंजूरी
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पुंछ जिले के मेंढर तहसील के कालाबन गांव में भूस्खलन पीड़ितों से मिले। उन्होंने नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उमर अब्दुल्ला ने एसडीआरएफ के तहत 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की और 38 लाख रुपये की तत्काल राहत राशि जारी करने की मंजूरी दी।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। पुंछ जिले की मेंढर तहसील के सीमावर्ती गांव कालाबन में भूस्खलन और जमीन धंसने से बेघर हुए लोगों का हाल जानने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कालाबन पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ क्षेत्र में भू-धंसाव से हुए नुकसान का जायजा लिया बल्कि प्रभावित इलाकों को हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए सहायता राशि के अंभार खोल दिए। उन्होंने लोगों के बीच पहुंचकर राहत देने के लिए एसडीआरएफ के तहत 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की और इन परिवारों को 38 लाख रुपये की तत्काल राहत राशि जारी करने की मंजूरी भी दी।
मुख्यमंत्री ने संकट की इस घड़ी में लोगों के साथ खड़े रहने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उनके साथ इस दौरे के दौरान मंत्री जावेद राणा भी थे।
आपको बता दें कि इन प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कई सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं। सर सैयद एजुकेशन मिशन सोच इंडिया के चेयरमैन डाॅ. सरफराज मीर के नेतृत्व में संस्था के सदस्यों ने मेंढर के कलाबन, क्षेत्र का दौरा कर जमीन धंसने और भूस्खलन पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर राहत और सहायता प्रदान करते हुए खाद्य किट, कंबल, रसोई के आवश्यक सामान और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित कीं।
वहीं उन्होंने अन्य सामाजिक संगठनों से पीड़ित लोगों की सहायता करने को कहा। इस अवसर पर सर सैयद एजुकेशन मिशन सोच इंडिया के चेयरमैन डा. सरफराज मीर ने कहा की हमारे छोटे-छोटे प्रयास जरूरतमंदों को सांत्वना और आशा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।
हम सबकी मदद नहीं कर सकते, लेकिन कोशिश जरूर कर सकते हैं हर एक संगठन अगर ठान ले की इन पीड़ितों की किसी न किसी तरह मदद की जाए तो पीड़ितों का दुख कुछ हद तक कम हो सकता है। इसलिए हर एक संगठन को आगे आना चाहिए। सरफराज मीर ने कहा हमारी संस्था का उद्देश्य है गरीब और बेसहारा परिवारों की सहायता करना।
फिर वो बाढ़ पीड़ितों और या अन्य किसी प्रकार की प्रकृति आपदा उन तक पहुंच कर उनका दुख बांटे। इसी उद्देश्य से आज हमारी टीम ने कालाबन का दौरा कर भूस्खलन पीड़ितों का दुख बांटने की कोशिश की है।
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