हर रोज जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं पुंछ के इस सीमांत गांव के लोग; मंजर देख डर जाएंगे आप!
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बलनोई गाँव में नियंत्रण रेखा के पास लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल बनाने की मांग वर्षों से लंबित है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। छात्रों को स्कूल जाने में परेशानी होती है और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है।
जागरण संवाददाता, राजौरी। पुंछ जिले की मेंढर सब डिवीजन में भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के साथ सटे गांव बलनोई में रोजाना अपनी जान जोखिम में डाल कर आ पार करते हैं। जानकारी के अनुसार पिछले कई वर्षों से लोगों की मांग थी यहां पर फूट ब्रिज बनाया जाए, लेकिन उन की मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
स्थानीय निवासी गुलाम अली, मुहम्मद अकरम, राजा अली समेत अन्य का कहना है हमारे बच्चे यहां से दो महीने तक स्कूल नहीं जा सकते पानी का बहाव इतना अधिक रहता है। ग्रामीण अपने रोजाना काम काज के लिए अपनी जाना जोखिम में डालते है।
लोगों का आरोप है की आज से कुछ वर्ष पहले पुल किसी स्कीम के तहत आया था जिस का उद्घाटन पूर्व विधायक द्वारा किया गया जिस के बाद एक ठेकेदार द्वारा पचास फीट तक का गहरा गड्ढा खोदा गया जिस के बाद आज तक किसी ने सुध नहीं ली है।
लोगों का एक और भी आरोप था की चुनावों के समय कई नेता यहां अपर आए आप हमें वोट दें आप का पुल बनवा दिया जाएगा, लेकिन उसके बाद कोई नेता व अधिकारी यहां पर नहीं आया है, उन्होंने कहा यह इलाका भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास है।
यहां पर आज से पहले पाकिस्तान की और से गोलाबारी की जाती थी उस समय कई लोगों ने यहां पर अपनी जान गवाई है। उन्होंने कहा जब कोई हमारे गांव में बीमार हो जाता है उस समय हमारे लिए चुनौती रहती है हम लोग नदी को कैसे पर करें जब कभी बरसात का मौसम हो नदी में पानी का बहाव बेहद तेज रहता है ऐसे में मरीज वहीं दम तोड देता है।
इस संबंध में बात करने पर क्षेत्र के विधायक एवं राज्य की सरकार में मंत्री जावेद अहमद राणा का कहना है कि इस पुल को बनाने के लिए योजना को तैयार किया जा रहा है। जल्द ही पुल का कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पुल बनने से काफी संख्या में लोगों को लाभ होगा।
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