Heart Attack: चुपके से आने वाली मौत, अब संभलने का वक्त है, नहीं तो देर हो जाएगी, जानें कैसे बचें और क्या करें
हार्ट अटैक आजकल एक गंभीर समस्या है, खासकर युवाओं में। उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, धूम्रपान और तनाव इसके मुख्य कारण हैं। इससे बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है, जिसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ भोजन और तनाव कम करना शामिल है।

हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
संवाद सहयोगी, जागरण, सुंदरबनी। लगातार बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। पहले जहां यह बीमारी बुजुर्गों तक सीमित मानी जाती थी, वहीं अब 30 से 55 वर्ष के वर्ग में भी अचानक दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हैं।
शहरों से लेकर छोटे कस्बों और गांवों तक, हर सप्ताह कई जिंदगियां हार्ट अटैक की चपेट में आ रही हैं। जानकारी देते हुए बीएमओ सुंदरबनी डाक्टर मीना कुमारी ने बताया कि यह एक साइलेंट क्राइसिस है, जिसे नजरअंदाज करना अब घातक साबित हो सकता है।
तेजी से बदलती जीवनशैली से बढ़ा खतरा
तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव, फास्ट फूड, धूम्रपान और व्यायाम की कमी दिल के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं। डॉ. मीणा कुमारी के अनुसार आज के दौर में लोग सुबह देर से उठते हैं, नाश्ता छोड़कर सीधे काम पर निकल जाते हैं और रात में भारी भोजन कर सो जाते हैं।
ये आदतें दिल पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं। इसके साथ ही तनाव, नींद की कमी, और मोबाइल की लत शरीर में ऐसे हार्मोन बढ़ा देती हैं जो हृदय पर नकारात्मक असर डालते हैं। उन्होंने कहा कई बार मरीज को लक्षण भी नहीं दिखते, और अचानक हार्ट अटैक हो जाता है। यह स्थिति बेहद गंभीर है।
युवा भी हो रहे हार्ट अटैक के शिकार
उन्होंने ने कहा चिंता की बात यह है कि अब 25 से 40 वर्ष के युवा भी हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं। डॉ. मीणा बताती हैं कि यह वही आयु वर्ग है जो सबसे अधिक तनाव, अनियमित दिनचर्या और खराब खानपान में उलझा हुआ है। जिम में अत्यधिक वर्कआउट करना, एनर्जी ड्रिंक या सप्लीमेंट का ज्यादा सेवन भी जोखिम को बढ़ा देता है।
उन्होंने ने लोगों से अपील की कि वे छोटी-छोटी आदतों से अपनी जिंदगी को सुरक्षित बना सकते हैं रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज चाल से टहलें या हल्का व्यायाम करें। तला-भुना और फास्ट फूड छोड़ें, ताजे फल और हरी सब्जियों को अपनाएं। धूम्रपान और शराब से पूरी तरह परहेज़ करें। तनाव और गुस्से को नियंत्रित रखें, पर्याप्त नींद लें।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूरी
हर छह महीने में एक बार ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर कराएं। उन्होंने बताया स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल 30 लाख से अधिक मौतें हृदय रोगों से होती हैं। इनमें से करीब 25% मामलों में मरीजों को अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ना पड़ता है। बीएमओ डॉ मीना कुमारी ने कहा हार्ट अटैक अब सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि चेतावनी है।
अगर आज हमने अपनी आदतें नहीं बदलीं, तो आने वाला समय बेहद खतरनाक होगा। दिल को मजबूत रखना है तो खुद से वादा करें सेहत पहले, बाकी सब बाद में उन्होंने कहा हार्ट संबंधित वरिष्ठ डॉक्टरों का मानना है कि यह केवल एक मेडिकल इश्यू नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल इमरजेंसी बन चुकी है।
इन बातों पर भी दें ध्यान
अब वक्त आ गया है कि हर व्यक्ति अपने खानपान, नींद और तनाव पर गंभीरता से ध्यान दे क्योंकि जान है तो जहान है। उन्होंने बताया पिछले 6 महीने के अंदर सुंदरबनी अस्पताल में लगभग 40 हार्ट अटैक से ग्रस्त व्यक्ति अस्पताल पहुंचे जिन्हें डॉक्टरों द्वारा सुरक्षित बचा लिया गया। लेकिन 20% मरीज ऐसे भी थे जिनकी हार्ट अटैक होने से घर पर जा रास्ते में ही मौत हो गई।

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