Rajouri News: LoC सीमा पर बसे बालाकोट में बह रही विकास की बयार, आर्टिकल 370 हटने के बाद बदली तस्वीर
आर्टिकल 370 हटने के बाद सीमा पर बसे गांवों में विकास की लहर तेज हुई है। जम्मू के राजौरी में नियंत्रण रेखा के पास पुंछ के बालाकोट गांव की तस्वीर इसका जीता जागता सबूत हैं। यहां पर स्कूल खुले गांव तक बिजली पहुंच गई सड़कें बन गई और इसके साथ ही बीआरओ ने नियंत्रण रेखा पर प्रथम गांव को सड़क नेटवर्क से जोड़ा गया है।
गगन कोहली, राजौरी। एक समय था जब जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ के बालाकोट व आसपास के गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की कल्पना करना भी बेमानी था। न ही खेतों में ठीक से काम होता था और न ही लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजते थे।
अनुच्छेद-370 हटने के बाद आए बदलाव के कारण सीमा पर बसे गांवों में विकास की गति तेज हुई है। स्कूल भी संवर गया और बच्चे स्कूल जा भी रहे हैं। खेतों में फसलें लहलहाने लगी तो आर्थिक हालत भी सुधरे हैं। ध्वस्त हुआ बिजली ढांचा सुधरा तो गांव के साथ जीवन में भी रोशनी आ गई। अब सड़क सुरक्षा संगठन नियंत्रण रेखा पर प्रथम गांव को सड़क नेटवर्क से जोड़ चुका है। कुछ जगह कार्य लंबित है, जल्द ही उसे पूरा किया जा रहा है। सड़क बनने से उम्मीद है कि इन गांवों में भी पर्यटक पहुंचेंगे।
बदला माहौल तो खुले स्कूल
ग्रामीण जुल्फिकार ने बताया कि अब माहौल पूरी तरह बदल चुका है। अब बंद की घोषणाएं भी नहीं होतीं। इससे स्कूल भी पूरी समय खुले रहते हैं, जिससे बच्चों को सुरक्षित माहौल में पढ़ाई करने का अवसर मिल रहा है। अब लगता है कि इनका बचपन लौट आया है। हम चाहते हैं जो दर्द हमने देखा है वह हमारे बच्चे न देखें।
ग्रामीण काला खान ने बताया कि एक दौर था कि लोग बच्चों को घर से बाहर भी नहीं निकलने देते थे, लेकिन जब से शांति आई है, एलओसी के करीब खेतों और मैदान में बच्चे हर समय खेलते नजर आ जाते हैं।
गांव तक पहुंची सड़क, राह हुई आसान
अब हर सीमांत गांव तक सड़क पहुंच रही है। दिन रात सड़कों को बनाने का कार्य चल रहा है, जिससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। पहले लोगों को कई किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोग दिन रात दुआ करते है कि ऐसी शांति बनी रहे और लोग का जीवन और बेहतर होता जाए।
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बिजली की खुशी से रोशन गांव
अब गांव तक बिजली पहुंच रही है। एक दौर था जब गांव को कहने को तो बिजली आपूर्ति से जोड़ दिया गया था, लेकिन पूरा ढांचा ध्वस्त था। अब बालाकोट ही नहीं मंजाकोट, पंज गराई और बसुनी जैसे गांव भी बिजली की खुशी से रोशन हैं।
जिला विकास परिषद के सदस्य खालिद हुसैन ने बताया कि अब पूरा जोर लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने पर है। प्रयास है कि हमारे गांव तक भी पर्यटक आएं। इसके लिए अभी काफी कार्य करने बाकी हैं। हमारे गांवों तक पहुंचने के लिए कई प्रकार की कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कश्मीर के गांवों में यह सुविधाएं आरंभ हुई हैं और उम्मीद करते हैं कि जम्मू संभाग में भी माहौल बदलेगा।
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