Jammu Kashmir News: राजौरी में कई जगह दिखे संदिग्ध, बच्चों को पिकनिक पर ले जाने पर लगी रोक
पिछले कुछ दिनों से राजौरी में कई जगह संदिग्ध दिखने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कई क्षेत्रों में समय-समय पर सुरक्षाबलों के तलाशी अभियान भी चल रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा आदेश जारी किया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने पूछने पर कहा कि आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
जागरण संवाददाता, राजौरी। जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले में सरकारी व निजी स्कूलों की पिकनिक पर रोक लगा दी गई है। बुधवार शाम को इस संबंध में जारी आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया है, लेकिन आशंका है कि सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने एहतियातन यह फैसला किया है। राजौरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी विशंभर दास की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई स्कूल विद्यार्थियों को पिकनिक पर ले जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
अगर कोई घटना हो जाती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी भी स्कूल प्रबंधन की होगी। सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से राजौरी में कई जगह संदिग्ध दिखने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कई क्षेत्रों में समय-समय पर सुरक्षाबलों के तलाशी अभियान भी चल रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा आदेश जारी किया हो सकता है। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने पूछने पर कहा कि आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
सिंधु जल समझौते पर जम्मू कश्मीर में सियासत
जम्मू-कश्मीर में सिंधु जल संधि पर फिर सियासत शुरू हो गई है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि तय मुद्दों को फिर से विवादित कर सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को ही बढ़ाया जाएगा, जिसका लाभ भाजपा को होगा। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस संधि पर सवाल उठाकर सिर्फ भाजपा के एजेंडे ही आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बेहतर है कि वह केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को कम से कम दो जलविद्युत परियोजनाओं का पूरा अधिकार सौंपने के लिए कहें।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को दिल्ली में कहा था कि सिंधु जल संधि के कारण जम्मू कश्मीर अपनी नदियों का सदुपयोग नहीं कर पा रहा है। इस कारण जलविद्युत उत्पादन की विशाल क्षमता का भी दोहन नहीं कर पा रहा है। इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है और केंद्र सरकार को इसका मुआवजा देना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने साधा जम्मू सरकार पर निशाना
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री का बयान भारत-पाकिस्तान के बीच तय एक मामले को फिर से विवादित बनाने के प्रयास जैसा है। दोनों देशों में जब भी तनाव बढ़ेगा उसका असर जम्मू-कश्मीर पर ही होगा। दोनों देशों के बीच कई युद्ध हुए हैं, लेकिन कभी भी सिंधु जल संधि को नहीं तोड़ा गया। भाजपा बीते कुछ वर्षों से इस संधि को लेकर राजनीतिक लाभ के लिए विवाद बनाना चाहती है। केंद्र सरकार अब इस संधि को लेकर नया विवाद पैदा करना चाहती है।
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