Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब गिरदावरी दुरुस्त नहीं हुई तो रिकार्ड आनलाइन कैसे होगा

    राजस्व विभाग ने हीरानगर में 1996 में बंदोबस्त शुरू किया था और अभी तक 108 में से 69 गांवों का ही काम मुकम्मल हो पाया है जबकि 34 गांवों का कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ।

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:15 AM (IST)
    Hero Image
    जब गिरदावरी दुरुस्त नहीं हुई तो रिकार्ड आनलाइन कैसे होगा

    संवाद सहयोगी, हीरानगर : तहसील में बंदोबस्त का कार्य मुकम्मल नहीं होने से किसानों को अपनी भूमि को लेकर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजस्व विभाग ने हीरानगर में 1996 में बंदोबस्त शुरू किया था और अभी तक 108 में से 69 गांवों का ही काम मुकम्मल हो पाया है, जबकि 34 गांवों का कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि सरकार अब राजस्व रिकार्ड आनलाइन करने जा रही है। जब कब्जे वाली भूमि पर किसानों की गिरदावरी दुरुस्त नहीं हुई तो रिकार्ड आनलाइन कैसे हो पाएगा? किसानों का यह भी कहना है कि रिकार्ड आनलाइन होने से उन्हें सुविधा मिलेगी, लेकिन पहले कब्जे के तहत उन की बंदोबस्त में गिरदावरी तो होनी चाहिए। क्या कहते हैं लोग भूमि का रिकार्ड आनलाइन होने से किसानों को सुविधा मिलेगी। वह जब चाहे घर बैठे इंटरनेट पर अपनी भूमि की जानकारी हासिल कर सकेंगे। पहले राजस्व विभाग को बंदोबस्त का काम मुकम्मल कर किसानों को पासबुक जारी करनी चाहिए ताकि उनके पास भी जानकारी मौजूद रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    - जगदीश राज, पूर्व सरपंच मांडयाल। जिला कठुआ में सबसे पहले बंदोबस्त का काम हीरानगर में शुरू हुआ था जो कई साल से अधर में लटका हुआ है। अधिकांश किसानों ने आपसी सहमति से भूमि को बांट रखा है। वह खेती तो करते हैं, लेकिन उन की गिरदावरी नहीं चलती। जिससे भूमि को लेकर किसानों में झगड़े चलते रहते हैं।

    - राकेश खजुरिया, सरपंच अर्जुन चक।

    1996 से 2002 तक सीमावर्ती गांवों में गोलीबारी होती रही थी। उस दौरान बंदोबस्त नहीं हो सका। जब संघर्ष विराम हुआ तो सीमा से सटे गांवों में काम नहीं हुआ। जमीन के पुराने रिकार्ड में काफी कमियां हैं। जिसमें किसान खेती करता है, उसमें दूसरे की गिरदावरी चलती है। इसी कारण किसानों की जमीन की मुआवजा राशि रुकी रहती है।

    भगवान दास, पंच लडवाल।

    हीरानगर के कुल 108 गांवों में से 69 का बंदोबस्त मुकम्मल हो चुका है। पांव गांवों की पैमाइश हो चुकी है। 34 गांवों का बंदोबस्त होना बाकी है। इस समय गांवों की देय आबादी की भूमि की पैमाइश का काम चल रहा है। जल्द ही बचे हुए गांवों में बंदोबस्त कार्य शुरू होने वाला है।

    - राहुल बसोतरा, तहसीलदार हीरानगर